East Singhbhum में सबसे ज्यादा rape की घटनाएं
अगर कोल्हान के तीनों डिस्ट्रिक्ट की बात करें तो रेप के मामले में इस्ट सिंहभूम डिस्ट्रिक्ट बाकि दोनों से आगे है। वर्ष 2013 में जनवरी से अक्टूबर मंथ तक ही इस्ट सिंहभूम डिस्ट्रिक्ट में रेप के 69 केस रिपोर्ट हुए हैं। इसके बाद दूसरे नंबर पर 54 केसेज के साथ वेस्ट सिंहभूम डिस्ट्रिक्ट है। इस मामले में सरायकेला-खरसांवा डिस्ट्रिक्ट में सबसे कम 33 केसेज रिपोर्ट हुए हैं।
फरवरी से बढ़े रेप के मामले
इस घटना के बाद गवर्नमेंट व पुलिस थोड़ी एक्टिव हुई थी। रेपिस्ट व मनचले सहमे थे। दिसंबर 2012 में इस्ट सिंहभूम डिस्ट्रिक्ट में रेप के 5 मामले दर्ज हुए थे, लेकिन दामिनी रेप केस के बाद हुए हंगामे के बाद जनवरी 2013 में केवल एक केस ही रिपोर्ट हुआ। लेकिन मामले के शांत पड़ते ही ऐसी घटना बढऩे लगी। नेक्स्ट मंथ यानी जनवरी 2013 में रेप के 7 केस रिपोर्ट हुए। स्टेट गवर्नमेंट ने हाई कोर्ट में एफिडेविट फाइल कर जानकारी दी थी कि वर्ष 2013 में जनवरी से अगस्त तक स्टेट में रेप के 917 मामले रिपोर्ट हुए थे।
नहीं लागू हुआ ड्रेस कोड न इश्यू हुआ identity card
दिल्ली गैैंग रेप के बाद महिलाओं व गल्र्स की सिक्योरिटी को लेकर सवाल उठने लगे थे। इसके बाद बस व ऑटो ड्राइवर्स के लिए ड्रेस कोड व आइडेंटिटी कार्ड इश्यू करने की भी बात हुई थी, लेकिन घटना के एक साल बाद भी ऐसा कुछ नहीं हो सका है। ड्राइवर सीट के पीछे लोकल थाना के साथ ही एसपी का मोबाइल नंबर लिखना था, लेकिन एक-दो को छोड़ किसी भी बस या ऑटो में यह नंबर नहीं लिखा गया है।
कैसे लगेगी मनचलों पर नकेल
कुछ महीने पहले डीसी डॉ अमिताभ कौशल ने एसएसपी व दूसरे सीनियर ऑफिशियल्स के साथ मीटिंग कर क्राइम कंट्रोल को लेकर काफी डाइरेक्शंस दिए थे। मीटिंग में महिलाओं की सेफ्टी पर भी चर्चा हुई थी और छेडख़ानी करने वालों का नाम गुंडा पंजी में दर्ज करने का डिसीजन हुआ था, लेकिन इसकी भी स्थिति सही नहीं है। अगर एक साल की बात छोड़ दें तो इस मीटिंग के बाद से छेडख़ानी व रेप की कई वारदातें हुई हैैं।
अब तो नहीं आती है कोई complain
हर डिस्ट्रिक्ट में महिलाओं के लिए एक टोल फ्री नंबर प्रोवाइड कराया गया है। हालांकि, ईस्ट सिंहभूम डिस्ट्रिक्ट में कोई टोल फ्री नंबर नहीं इश्यू किया गया है। यहां एक बीएसएनएल मोबाइल नंबर (9472787600) जारी किया गया है। इस ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा था, लेकिन दिल्ली गैैंग रेप इंसिडेंट के बाद तात्कालीन सिटी एसपी अजय लिंडा के प्रयास पर महीनों बाद यह मोबाइल ठीक कराया गया। हालांकि अब भी इस नंबर पर कम्प्लेन नहीं आते हैं।
डीजीपी राजीव कुमार से सीधी बात
दिल्ली गैंग रेप के बाद एक साल में स्टेट में महिला सुरक्षा की क्या स्थिति है?
पहले की अपेक्षा अब महिलाओं में जागरूकता आयी है। अब वे मामले की रिपोर्ट कर रही हैैं और थानों में इस तरह के केसेज सामने आ रहे हैं। अब महिलाएं यह सोचकर झिझकती नहीं कि उसके साथ हुई घटना के बारे में सोसाइटी क्या सोचेगी और जब केस रिपोर्ट हो रहे हैैं तो पुलिस उस हिसाब से एक्शन भी ले रही है।
ईव-टीजिंग सेल कितना एक्टिव है?
लगभग सभी डिस्ट्रिक्ट में ईव टीजिंग सेल बनाया गया है और यह अपना काम कर रही है। कई आरोपियों के खिलाफ सेल द्वारा कार्रवाई की गई है।
महिला के साथ हो रही घटनाओं के लिए सीआईडी में बने सेल की क्या स्थिति है?
महिलाओं के साथ हो रही घटनाओं की कम्प्लेन के लिए सीआईडी में सेल बनाया गया है। इसमें जो कम्प्लेन आ रहे हैं उसकी रेग्यूलर मॉनिटरिंग की जा रही है।
आज भी महिलाएं नहीं हैं सेफ
साल रेप छेडख़ानी (झारखंड)
2001 668 205
2002 709 190
2003 640 337
2004 640 275
2005 757 305
2006 775 397
2007 834 235
2008 749 289
2009 677 210
2010 731 189
2011 796 169
2012 651 201
कोल्हान के rape incidents
मंथ ईस्ट सिंहभूम सरायकेला वेस्ट सिंहभूम
अक्टूबर 5 1 9
सितंबर 6 4 5
अगस्त 8 1 3
जुलाई 8 8 6
जून 9 3 2
मई 11 4 9
अप्रैल 9 2 6
मार्च 5 6 3
फरवरी 7 2 7
जनवरी 1 2 4
टोटल 69 33 54
(इस साल अक्टूबर तक के आंकड़े)
वर्ष 2001 से 2010 के आंकड़े
अलग झारखंड बनने के बाद से यहां महिलाओं के साथ अत्याचार की कई घटनाएं हुईं। एक ह्यïूमन राइट ऑर्गनाइजेशन द्वारा वर्ष 2001 से 2010 तक के महिला अत्याचार के आंकड़े जुटाए गए।
रेप 7563
डाउरी डेथ 2707
डाउरी केस 3398
मोलेस्टेशन 3384
सेक्सुअल हरासमेंट 230
गल्र्स ट्रैफिकिंग केस 136
प्रोस्टिट्यूशन केस 75
Women torture clock (India)
रेप- हर 29वें मिनट में
सेक्सुअल हरासमेंट- हर 53वें मिनट में
मालेस्टेशन- हर 15वें मिनट में
Reported by : goutam.ojha@inext.co.in