-दिख रही है एमजीएम हॉस्पिटल मैनेजमेंट की लापरवाही

-हॉस्पिटल कैंपस में फैल रहा है बायोमेडिकल वेस्ट का धुआं

-पेशेंट्स व परिजनों में बीमारी के चपेट में आने का खतरा बढ़ा

abhishek.piyush@inext.co.in

JAMSHEDPUR: कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल में खुले में बायोमेडिकल वेस्ट जलाया जा रहा है। हॉस्पिटल में बायो वेस्ट के डिस्पोजल के लिए इंसीनरेट तो लगाई गई है, लेकिन मशीन खराब होने के कारण बायो मेडिकल वेस्ट नष्ट करने के लिए उसका इस्तेमाल नहीं हो रहा है। इससे पूरे हॉस्पिटल कैंपस में बायो मेडिकल वेस्ट का जहरीला धुआं फैल रहा है। इससे इलाज कराने एमजीएम आने वाले पेशेंट्स के साथ-साथ उनके परिजनों में भी बीमारी के चपेट में आने का खतरा बढ़ गया है।

हेल्थ की फिक्र नहीं

एमजीएम हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड से महज ख्0 मीटर दूर मरकरी के सामने महीनों से बायोमेडिकल वेस्ट फेका जा रहा है। साथ ही हॉस्पिटल मैनेजमेंट इसी स्थान पर बायो मेडिकल वेस्ट को खुले में जला भी जा रहा है। एमजीएम हॉस्पिटल मैनेजमेंट की लापरवाही का आलम यह है कि उन्हें हॉस्पिटल आने वाले पेशेंट्स और उनके परिजनों के स्वास्थ की तनिक भी परवाह नहीं हैं।

बढ़ रहा प्रदूषण

हॉस्पिटल कैंपस में जलाए जा रहे बायो मेडिकल वेस्ट में कई तरह के बायो वेस्ट शामिल हैं। इनमें पेशेंट्स को चढ़ाए जाने वाले ब्लड के डिस्चार्ज पैकेट, डिस्चार्ज निडिल के अलावा कई तरह के खून से सने बायो वेस्ट शामिल होते हैं। डिस्चार्ज निडिल समेत कई तरह के अन्य बायो मेडिकल वेस्ट संक्रमित होने के साथ-साथ हैपेटाइटिस ए, बी व सी का संक्रमण भी किसी भी व्यक्ति की जान खतरे में डाल सकता है। इसके संपर्क में आने से कैंसर, टीवी के अलावा स्कीन और सांस की बीमारी भी हो सकती है। इन बायो मेडिकल वेस्टेज से जमीन और फिर ग्राउंड वाटर भी प्रदूषित हो रहा है।

हो सकता है संक्रमण

एमजीएम हॉस्पिटल के कैंपस के आस-पास फेंके गए बायो मेडिकल वेस्ट को कई संक्रमित पेशेंट्स के लिए इस्तमाल में लाया गया होगा। इनमें एचआईवी एड्स पॉजिटिव, कैंसर, हेपेटाइटिस सहित अन्य कई तरह के संक्रमित पेशेंट्स के इस्तेमाल में लाए गए बायो मेडिकल बेस्ट शामिल हो सकते हैं डॉक्टर्स के अनुसार एड्स तथा हेपेटाइटिस के पेशेंट्स के इस्तेमाल में लायी गयी डिस्चार्ज निडिल से आम लोग संक्रमित हो सकते हैं।