JAMSHEDPUR: स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। मंगलवार को मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी योजना के तहत सिविल सर्जन कार्यालय में शिविर लगाया गया था। इसमें कुल 30 मरीज शामिल हुए, लेकिन आठ मरीजों को देर शाम तक बैठना पड़ा। इसके बावजूद भी उन्हें निराश होकर ही घर लौटना पड़ा। इसे लेकर उन मरीजों में आक्रोश भी देखा गया। परसुडीह निवासी महाबीर साव हार्निया से परेशान हैं। शिविर में दिखाने के लिए आए थे, लेकिन यहां पर सर्जरी के डॉक्टर पहुंचे ही नहीं। इसी तरह, चांदमुनी साव का ओवरी में सिस्ट हो गया है। उसकी सर्जरी करानी है। दिखाने के लिए आई थी पर डॉक्टर नहीं मिले। मरीजों का कहना था कि जब डॉक्टर हैं ही नहीं तो शिविर क्यों लगाया गया। दिनभर बैठकर वे लोग इंतजार करते रहें कि डॉक्टर आएंगे और जांच करेंगे। इसके बाद ऑपरेशन होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

एमजीएम से मांगे सर्जन

सिविल सर्जन डॉ। महेश्वर प्रसाद ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एमजीएम सुपरिंटेंडेंट को पत्र लिखकर एक सर्जन देने का आग्रह किया है। इसका प्रतिलिपि स्वास्थ्य सचिव को भी भेजी गई है। सिविल सर्जन ने बताया कि विभाग से प्राप्त पत्र के अनुसार एमजीएम से तीन दिन किसी एक सर्जन से काम लेने का आदेश आया है। इस संदर्भ में अधीक्षक को पत्र भी भेजा गया पर अबतक कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है। इसके कारण मरीजों को परेशानी हो रही है।