-स्वाइन फ्लू से बचाव की तैयारियों में दिख रही लापरवाही

-स्टेशन पर नहीं शुरू की स्वाइन फ्लू के जांच की व्यवस्था

JAMSHEDPUR : देश के क्0 से ज्यादा राज्यों को अपनी चपेट में ले चुके स्वाइन फ्लू ने झारखंड में भी दस्तक दे दी है। राज्य में स्वाइन फ्लू के सबसे ज्यादा संदिग्ध मामले जमशेदपुर में आए हैं। हेल्थ डिपार्टमेंट द्वारा स्वाइन फ्लू के आउटब्रेक को रोकने के लिए मीटिंग्स की जा रही हैं, योजनाएं बन रही हैं। पर सवाल है कि क्या स्वाइन फ्लू के खतरे से निपटने की पुख्ता तैयारी की जा रही है या सिर्फ योजनाओं से ही काम चलाया जा रहा है। स्वाइन फ्लू की आशंका को देखते हुए हेल्थ डिपार्टमेंट द्वारा रेलवे को लेटर लिख टाटानगर स्टेशन पर स्वाइन फ्लू की जांच की व्यवस्था करने को कहा गया था, लेकिन अब तक स्टेशन पर ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई है।

बढ़ रहा है खतरा

स्वाइन फ्लू की वजह से देश भर में अब तक क्फ् सौ से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। झारखंड में भी अब तक तीन लोगों में स्वाइन फ्लू की पुष्टी हो चुकी है। राज्य में स्वाइन फ्लू के सबसे ज्यादा सात संदिग्ध मामले जमशेदपुर में पाए गए हैं। इनमें से एक मरीज में स्वाइन फ्लू की पुष्टी भी हो चुकी है।

जांच की व्यवस्था नहीं

शहर में अब तक स्वाइन फ्लू के जितने भी संदिग्ध मामले सामने आए हैं, उनमे से ज्यादातर मरीज स्वाइन फ्लू प्रभावित राज्यों से जमशेदपुर आए हैं। स्वाइन फ्लू प्रभावित राज्यों से हर रोज टाटानगर के लिए आने वाली ट्रेनों में हजारों यात्री आते हैं। इनमें से कोई पैसेंजर अगर स्वाइन फ्लू से पीडि़त हो तो ये बीमारी दूसरों में भी फैल सकती है। स्टेशन पर ही अगर जांच की व्यवस्था की जाए, तो लक्षणों के आधार पर संदिग्ध मरीज की पहचान और इलाज की जा सकती है। इससे इस बीमारी को दूसरों में फैलने से रोका जा सकता है, लेकिन टाटानगर स्टेशन पर इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं की गई है।

हो रही है खानापूर्ति

स्वाइन फ्लू से बचाव के नाम पर बस खानापूर्ति ही हो रही है। हेल्थ डिपार्टमेंट द्वारा कुछ दिनों पहले रेलवे को लेटर लिख स्टेशन पर जांच की व्यवस्था करने को कहा गया था। रेलवे द्वारा स्टेशन पर जांच की व्यवस्था तो शुरू नहीं की गई, लेकिन हेल्थ डिपार्टमेंट को टाटानगर स्टेशन पर जगह मुहैया करा दी गई, जहां जांच की व्यवस्था हो सके, लेकिन हेल्थ डिपार्टमेंट ने भी शायद सिर्फ लेटर लिखकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली। टाटानगर रेलवे स्टेशन के स्टेशन प्रबंधक ओपी शर्मा ने बताया कि हेल्थ डिपार्टमेंट से लेटर मिला था, स्टेशन पर जांच के लिए जगह की व्यवस्था की गई, लेकिन हेल्थ डिपार्टमेंट की तरफ से उसके बाद कोई कम्यूनिकेशन नहीं किया गया। उधर, इस मामले में ईस्ट सिंहभूम की सिविल सर्जन डॉ विभा शरण पल्ला झाड़ती दिखीं। उन्होंने कहा कि डॉक्टर, पारा मेडिकल स्टाफ की कमी की वजह से स्टेशन पर जांच शुरू करने में परेशानी अा रही है।

हेल्थ डिपार्टमेंट के भरोसे रेलवे हॉस्पिटल

टाटानगर स्टेशन के पास स्थित रेलवे हॉस्पिटल भी हेल्थ डिपार्टमेंट के भरोसे ही है। हॉस्पिटल में आईसोलेशन वार्ड तो तैयार किया गया है, लेकिन स्वाइन फ्लू की जांच की व्यवस्था नहीं की गई है। टाटानगर रेलवे हॉस्पिटल के सीएमएस डॉ एसके बेहरा ने बताया कि स्वाइन फ्लू का अगर कोई संदिग्ध मरीज आता है, तो लक्षणों के आधार पर इलाज किया जाएगा, लेकिन स्वाइन फ्लू की जांच हेल्थ डिपार्टमेंट के जरिए ही कराई जाएगी।

डिस्ट्रिक्ट हेल्थ डिपार्टमेंट द्वारा स्टेशन पर स्वाइन फ्लू की जांच की व्यवस्था करने के संबंध में लेटर लिखा गया था। हमारी तरफ से स्टेशन पर जांच के लिए जगह उपलब्ध करा दी गई है, लेकिन अब तक हेल्थ डिपार्टमेंट द्वारा जांच शुरू नहीं की गई है।

-ओपी शर्मा, स्टेशन प्रबंधक, टाटानगर स्टेशन

-रेलवे को स्टेशन पर जांच की व्यवस्था के लिए लिखा गया गया था। हेल्थ डिपार्टमेंट के पास मैनपावर की कमी होने की वजह से जांच की व्यवस्था शुरू नहीं की जा सकी है। हालांकि, स्टेशन पर जांच की सुविधा शुरू करने की कोशिश की जा रही है।

-डॉ विभा शरण, सिविल सर्जन, ईस्ट सिंहभूम

स्वाइन फ्लू को देखते हुए हॉस्पिटल में आईसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है। किसी मरीज के आने पर लक्षण के आधार पर इलाज किया जाएगा। हॉस्पिटल में स्वाइन फ्लू के जांच की व्यवस्था नहीं है। जांच के लिए हेल्थ डिपार्टमेंट से सहयोग लिया जाएगा।

-डॉ एसके बेहरा, सीएमएस, रेलवे हॉस्पिटल