-टोबैको की वजह से दुनियाभर में हर साल 60 लाख लोगों की जाती है जान

-छह लाख लोग मौत के शिकार होते हैं

-इंडिया में हर साल 10 लाख लोग मरते हैं टोबैको की वजह से

abhijit.pandey@inext.co.in

JAMSHEDPUR : दुनियाभर में हर साल म्0 लाख लोग टोबैको की वजह से अपनी जान गंवाते हैं। इनमें से म् लाख लोगों की मौत सेकेंड हैंड स्मोकिंग की वजह से होती है। आज व‌र्ल्ड नो टोबैको डे है। बात इंडिया की करें तो यहां हर साल करीब क्0 लाख लोग टोबैको की वजह से जान गंवाते हैं। ये वो जाने हैं, जिन्हें बचाया जा सकता है। जरूरत है बस मजबूत इरादे की। आज व‌र्ल्ड नो टोबैको डे है। इसका उद्देश्य लोगों को टोबैको के खतरों के प्रति अवेयर करना और इस लत को छोड़ने के लिए प्रेरित करना है। इस मौके पर आई नेक्स्ट ने जमशेदपुर में कुछ वैसे लोगों से बात की जिन्होंने टोबैको को कहानो।

एक पल में छोड़ दी फ्9 साल की लत

इंसान में अगर इच्छाशक्ति हो तो कुछ भी मुश्किल नही है, फिर चाहे टोबैको की लत छोड़ने की बात ही क्यों न हो। इस लत को छोड़ने की एक कोशिश में नाकाम होने पर कई बार लोग हिम्मत हार जाते हैं और उन्हें लगने लगता है कि उनसे ये लत नहीं छूट सकती। ऐसे लोगों के लिए बिरसानगर के कमल कुमार सोन उदाहरण हो सकते हैं। भ्8 साल के कमल कुमार सोन ने दो साल पहले एक झटके में सिगरेट, खैनी की लत छोड़ दी। उन्होंने बताया कि क्7 वर्ष की उम्र में उन्हें ये लत लगी थी, लेकिन जब स्वास्थ्य पर इस लत के पड़ने वाले नुकसान के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक नुकसानों को समझा तो इस लत को छोड़ना ही उचित समझा। कमल कुमार सोन ने कहा कि लत को छोड़ने के शुरुआती कुछ दिनों में थोड़ी परेशानी होती थी, पर इसस बाहर निकलने का तरीका भी ढूंढ निकालना। उन्होंने कहा कि जब कभी भी स्मोकिंग, तंबाकू की इच्छा होती थी तो सौंफ खाकर या दिमाग को किसी दूसरी तरफ मोड़कर इस इच्छा को खत्म कर देते थे। उन्होंने कहा कि आज इस लत को छोड़े दो साल बीत चुके हैं और अब कभी भी इनकी इच्छा नहीं होती। कमल कुमार सोन की इस पहले से उनका परिवार भी काफी खुश है। उन्होंने बताया कि तंबाकू की लत छोड़ने से पत्नी और बेटी भी काफी खुश हैं।

दृढ़ निश्चय कर छोड़ दी पान मसाला, जर्दा की लत

मानगो के रहने वाले फ्भ् वर्षीय मनोज सिंह को पान मसाला, जर्दा की लत थी। पांच वर्षो तक ये लत उनके साथ रहा, लेकिन एक दिन दृढ़ निश्चय किया और इस लत से तौबा कर ली। मनोज सिंह ने बताया कि जब उन्होंने इस लत की वजह से अपनी सेहत और परिवार पर पड़ने वाले असर के बारे में सोचा तो इसे छोड़ने का निर्णय ले लिया। उन्होंने बताया कि पान मसाला, जर्दा की लत छोड़े ढाई साल बीत चुके हैं। इस दौरान कभी दोबारा पान मसाला, जर्दा खाने की इच्छा नहीं हुई। आमतौर पर लोग इस लत को ना छोड़ने के लिए कई बहाने बनाते हैं, लेकिन मनोज सिंह ने कोई बहाना नहीं बनाया। उन्होंने कहा कि बस एक बार दृढ़ निश्चय किया और ये लत छूट गई। उन्होंने कहा कि हर कोई ऐसा कर सकता है, बस दृढ़ निश्चय होना चाहिए।

ये हैं स्मोकिंग छोड़ने के फायदे

-स्मोकिंग छोड़ने के ख् घंटे बाद - निकोटिन सिस्टम से आउट हो जाता है

-क्ख् घंटे बाद - कार्बन मोनोऑक्साइड सिस्टम से बाहर हो जाता है। लंग्स का फंक्शन इंप्रूव होने लगता है।

-ख् दिन बाद- सूंघने की क्षमता इंप्रूव होती है। फिजिकल एक्टिविटी आसान हो जाती है। लंग्स में ज्यादा हवा जाती है।

-ख् महीने बाद - लंग्स ज्यादा इफिशिएंटली काम करने लगता है और म्यूकस को रिमूव करने की क्षमता आ जाती है। ब्लड फ्लो इंप्रूव होता है।

-क्ख् महीने बाद - हार्ट डिजीज का खतरा स्मोकिंग करने वालों की तुलना में आधा हो जाता है।

- क्0 वर्ष बाद - लंग कैंसर का खतरा लगातार स्मोकिंग करने वालों की तुलना में आधे से भी कम हो जाता है।

- क्भ् वर्ष बाद - हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा लगभग उस व्यक्ति जितना ही रह जाता है जिसने कभी स्मोक नहीं किया हो।

डेवलप करें क्विट प्लान

स्मोकिंग सहित अन्य टौबैको प्रोडक्ट्स की लत छोड़ने के लिए एक क्विट प्लान डेवलप करना जरूरी है। ये हैं सक्सेसफुल क्विट प्लान के मुख्य एलिमेंट्स

-क्विट डेट सेट करें - टोबैको की लत छोड़ने के लिए जितनी जल्दी हो सके क्विट डेट तय करना जरूरी है। लत को छोड़ने के लिए खुद को कम समय देना लक्ष्य प्राप्त करने में फोकस्ड और मोटिवेटेड रखता है। क्विट डेट के रूप में किसी भी खास दिन को चुना जा सकता है, हालांकि इसकी शुरुआत आज भी की जा सकती है।

-फ्रेंड्स, फैमिली और को-वर्कर्स को बताएं- आप जिनसे ज्यादा इंटरैक्ट करते हैं उनसे ये लक्ष्य बताना महत्वपूर्ण है। वे टोबैको छोड़ने के लक्ष्य को याद दिलाने और इनकरेज करने में मदद कर सकते हैं। अगर उनमें से किसी को भी ये लत है तो इस पहल से वे भी मोटिवेट होंगे। अगर फ्रेंड्स या फैमिली में किसी को स्मोकिंग की लत है, तो उनसे कहें की वो आपके सामने ऐसा ना करें।

-इस लत को छोड़ने के क्रम में आने वाले चैलेंजेज के लिए पहले से तैयार रहे- स्मोकिंग छोड़ने के लिए दृढ़ निश्चय का होना जरूरी है। इस प्रयास के पहले कुछ सप्ताहों में आने वाले चैलेंजेज के लिए पहले से तैयार रहना जरूरी है। संभावित निकोटिन विदड्राअल सिम्पटम के साथ-साथ किसी आदत को छोड़ने में आने वाली बाधाओं की वजह से शुरुआती कुछ दिन और सप्ताह काफी मुश्किल हो सकते हैं, लेकिन इस मुश्किल से निकला जा सकता है।

-अपने आस-पास से टौबैको प्रोडक्ट्स को हटाएं- स्मोकिंग की इच्छा ना हो इसके लिए ऐसे सिचुएशन्स को अवॉयड करना जरूरी, जिससे स्मोकिंग की इच्छा हो।