JHARKHAND: जमशेदपुर से करीब ख्7 किमी दूर पोटका प्रखंड का नुआग्राम गांव जल्द ही कैशलेस ट्रांजेक्शन विलेज का उदाहरण बनेगा। यह गांव ऐसी पहल करने वाला संभवत: राज्य का पहला गांव होगा। यहां के ग्रामीण कागजी मुद्रा का प्रयोग न्यूनतम कर मोबाइल बैंकिंग, ऑनलाइन बैंकिंग तकनीकों को उपयोग करेंगे। सीएम कैंप ऑफिस के डिप्टी कलेक्टर संजय कुमार ने रविवार को ग्रामीणों के बीच पहुंचकर लोगों को वर्चुअल मनी ट्रांसफर की तकनीकों से अवगत कराया है। साथ ही अग्रणी बैंक की मदद से गांव के सभी खाता धारकों को कैंप लगाकर जल्द ही मोबाइल बैंकिंग की सुविधा दिलाने की बात कही है। इसके लिए ग्रामीणों को प्रशिक्षित भी किया जायेगा, ताकि उन्हें मोबाइल बैंकिंग प्रयोग में कोई दिक्कत न आए। नुआग्राम के लगभग ख्0 प्रतिशत लोग पहले से ही ऑनलाइन बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग और एयरटेल मनी जैसी तकनीकों को प्रयोग करते हैं। गांव के डॉक्टर जयंता डे ने कहा कि उनका गांव आधुनिक तकनीक के साथ चलने का पक्षधर है। इसलिए कैशलेस विलेज के प्रस्ताव को वे सभी सहर्ष स्वीकार करते हैं। इस सीएम कैंप ऑफिस के उपसमाहर्ता संजय कुमार ने बताया कि नुआग्राम के 90 प्रतिशत पुरुषों का साक्षर होना मोबाईल फ्रेंडली होना, सड़क मार्ग से सुगम संपर्क, गांव से ख् किमी के दायरे में पांच बैंक शाखाओं का होना और सबसे बड़ा कारण गांव के लोगो का नवाचारी तकनीको को अपनाने के प्रति उत्साही होना कैशलेस विलेज जैसा नये काम के लिए आसान होगा अपेक्षाकृत आसान होगा।

90 प्रतिशत पुरुष साक्षर

नुआग्राम की जनसंख्या लगभग भ्भ्ख् है। क्क्8 परिवारों वाले इस गांव में पुरुष साक्षारता लगभग 90 प्रतिशत है। नुआग्राम की मुखिया सावित्री सरदार ने सूचना प्रौद्योगिकी में डिप्लोमा किया हुआ है और गांव के पारंपरिक प्रधान सरोज कुंडू सेवानिवृत्त प्रिंसिपल हैं। ऐसा माना जा रहा है कि पढ़े लिखे जनप्रतिनिधियों के समन्वय एवम सहयोग से कैशलेस विलेज योजना को सहयोग भी मिलेगा। ग्रामीणों ने बताया कि वे पहले से ही मनी ट्रांसफर के लिए नई तकनीकों का सहारा लेते हैं। गांव के सेवानिवृत शिक्षक शंकर चंद गोप ने कहा कि मुद्राविनिमय में तकनीक का प्रयोग जितना ज्यादा होगा पारदर्शिता बढ़ेगी अत: देश हित में उनके गांव के लोग इलेक्ट्रॉनिक मुद्रा हस्तांतरण विधि को अपनाने के लिए सहर्ष तैयार हैं।