-हत्या में संलिप्त अपराधी मिथुन चक्रवर्ती पुलिस की गिरफ्त में, खोले राज

-जोजोबेड़ा स्थित रेलवे फाटक के पास जमीन कारोबारी संजीव सिंह की हुई थी हत्या

-कुख्यात अपराधी मंगल टुडू को दी गई थी दो लाख की सुपारी

JAMSHEDPUR: गोविंदपुर थाना क्षेत्र के जोजोबेड़ा स्थित रेलवे फाटक के पास जमीन कारोबारी संजीव सिंह की हुई हत्या में संलिप्त अपराधी मिथुन चक्रवर्ती को गोविंदपुर के इंस्पेक्टर दयानंद कुमार ने धर-दबोचा है। उसने कबूल किया कि पुरानी रंजिश और जमीन की खरीद- ब्रिकी को लेकर वर्चस्व की लड़ाई के लिए संजीव सिंह की हत्या की गई। इसके लिए कुख्यात अपराधी मंगल टुडू को दो लाख की सुपारी दी गई थी। यह जानकारी एसएसपी अनुप टी मैथ्यू ने सोमवार को दी। उन्होंने बताया कि अपराधी दुबराज नाग और उसके सहयोगी मनोज कच्छप ने पांच अन्य अपराधियों ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया। इसमें कांट्रेक्ट किलर मंगल टुडू भी शामिल था।

ऐसे दिया घटना को अंजाम

एसएसपी ने बताया कि घटना वाले दिन चित्रू सरदार और सरफू नामक अपराधी जोजोबेड़ा रेलवे फाटक के सामने छुपे हुए थे। अपराधी मोहन कच्छप और डोमनिक सैमसंग पैशन प्रो बाइक लेकर कृष्णा नगर ऑटो स्टैंड के पीछे छुपे हुए थे। दुबराज नाग और मंगल टुडू सरजामदा से बारीगोड़ा जाने वाले रास्ते में ग्लैमर बाइक पर बैठ सभी गतिविधियों पर निगाह बनाये हुए थे। वहीं मिथुन चक्रवर्ती बाइक से संजीव के गतिविधियों पर नजर रख रहा था। मिथुन संजीव का पीछा करते हुए कृष्णा नगर ऑटो स्टैंड तक पहुंचा। इसी दौरान संजीव सिंह जैसे ही जोजोबेड़ा रेलवे फाटक के पास पहुंचा उस वक्त ट्रेन क्रास करने के चलते रेलवे क्रासिंग बंद थी। इस का फायदा उठाते हुए दुबराज नाग, मंगल टुडू, मनोज कच्छप और डोमनिक सैमसंग अपनी-अपनी बाइक लेकर संजीव के सामने सट गये और ताबड़तोड़ फायरिंग कर बाइक घुमाकर बारीगोड़ा के रास्ते गदरा होते हुए पोटका की ओर फरार हो गये।

राज करना चाहता था दुबराज

एसएसपी ने बताया कि मृतक संजीव सिंह गदरा, सरजामदा तथा बरीगोड़ा क्षेत्र में जमीन के कारोबार में सक्रिय था। वहीं बारीगोड़ा निवासी तथा कुख्यात अपराधी दुबराज नाग की पत्नी सुनिता नाग को क्षेत्र की मुखिया चुने जाने के बाद से दुबराज का गिरोह इस क्षेत्र में जमीन के कारोबार में सक्रिय हो गया था। इसके बाद दुबराज गिरोह के सदस्य वैध एवं अवैध जमीन की खरीद ब्रिकी करने वाले लोगों से प्रति कट्ठा पांच से छह हजार रुपये की रंगदारी वसूल रहे थे। संजीव सिंह ने बड़ा गोविंदपुर में एक जमीन का बड़ा काम किया गया था। दुबराज गैंग के मिथुन चक्रवर्ती ने सीओ ऑफिस में आवेदन कर जमीन के म्यूटेशन पर रोक लगवा दी थी। इसी बात को लेकर संजीव सिंह और दुबराज नाग के गिरोह के लोगों के बीच तनाव चल रही थी।

बदला लेने को था बेचैन

पिता की बेइज्जती तथा पुरानी रंजिश का बदला लेने को बेचैन था मनोज

एसएसपी ने बताया कि संजीव हत्याकांड को अंजाम देने के इसकी योजना अपराधी राजेश कच्छप के भाई मनोज ने बनाई थी। संजीव ने पांच वर्ष पूर्व मोहन कच्छप और उसके पिता के साथ मारपीट की थी। इसके बाद संजीव ने मोहन कच्छप को जेल भिजवा दिया था। इतना ही नहीं उसके पिता के साथ गाली-गलौज कर उन्हें सबके सामने जलील किया था। ख्0क्ब् में जेल से निकले के बाद से ही संजीव से बदला लेने की फिराक में था। इसलिए उसने दुबराज के साथ मिलकर संजीव सिंह की हत्या करने की योजना बनाई।

दुबराज के घर पर बनी थी योजना

एसएसपी ने बताया कि दुबराज के घर में ही संजीव सिंह की हत्या की योजना बनाई गई थी। इस दौरान मोहन कच्छप, दुबराज नाग, डोमनिक सैमसंग, मंगल टुडू, चित्रू सरदार, सरफू एवं मिथुन चक्रवर्ती मौजूद थे।

ये हैं फरार

संजीव सिंह हत्याकांड से जुड़े सारे अपराधियों का अपराधिक इतिहास रहा है। हत्याकांड से जुड़े अपराधी दुबराज नाग, मोहन कच्छप, मंगल टुडू, चित्रू सरदार, डोमनिक सैमसंग, सरफू की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस छापेमारी कर रही है।