-म्यूनिसिपल सॉलिड वेस्ट में बढ़ रही है प्लास्टिक की मात्रा

-लोगों की लापरवाही बढ़ा रही प्लास्टिक वेस्ट डिस्पोजल की समस्या

abhijit.pandey@inext.co.in

JAMSHEDPUR: घरों से निकलने वाले कचरे में साल-दर-साल प्लास्टिक की मात्रा बढ़ती जा रही है। आंकड़ों पर नजर डालें, तो पिछले 15 वर्षो में म्यूनिसिपल सॉलिड वेस्ट में प्लास्टिक की मात्रा में 16 सौ परसेंट से ज्यादा का इजाफा हुआ है। बढ़ता प्लास्टिक वेस्ट एन्वायरमेंट के लिए एक बड़ी समस्या है। वेस्ट मैनेजमेंट की प्रॉपर व्यवस्था नहीं होना और प्लास्टिक वेस्ट को लेकर लोगों की लापरवाही इस समस्या को और बढ़ा रही है।

पॉलीथिन बढ़ा रही परेशानी

पॉलीथिन में किचन का सारा वेस्ट भरा और फेंक आए आसपास के किसी खुले स्थान या सड़क पर। ये कचरा लंबे समय तक यूं ही पड़ा रहता है। हवा चलने या बारिश होने पर ये पॉलीथिन चारों तरफ बिखरते हैं, नालियों में जाकर उसे जाम करते हैं। कई बार कचरे के इस पॉलीथिन को कोई जानवर भी निगल लेते हैं। घरेलू सामान के साथ घर में आने वाले पॉलीथिन बैग्स का इस तरह से किया जाने वाला इस्तेमाल ऐसी ही कई समस्याएं खड़ी करता है।

ये आदत है बुरी

चिप्स खाई और रैपर सड़क पर ही फेंक दिया। गर्मी में प्यास बुझाने के बाद कोल्ड ड्रिंक्स के प्लास्टिक बोतल भी सड़क पर ही जगह पाती है। इतना ही नहीं पार्क, मार्केट जैसे पब्लिक प्लेसेज पर भी हम और आप कुछ ऐसी ही लापरवाही से कचरा फेंकते हैं। कई बार तो सामने डस्टबीन रखा होने के बावजूद लोग कुछ कदम चलकर उसमे कचरा फेंकने की जहमत नहीं उठाते। शहर में ये नजारा आम है। लोगों की ये लापरवाही शहर की साफ-सफाई को तो मुश्किल बनाती ही है, साथ ही एन्वायरमेंट के लिए भी एक बड़ा खतरा है।

जाम होता है सीवरेज और पानी का पाइपलाइन

इधर-उधर फेंका गया प्लास्टिक वेस्ट म्यूनिसिपल अथॉरिटीज की परेशानी भी बढ़ाता है। कुछ ही दिनों पहले मानगो गोलचक्कर के पास सीवरेज जाम हो गया, मानगो नोटिफाइड एरिया कमिटी के सैनिटरी इंस्पेक्टर सी गोस्वामी ने कहा कि जब इसे साफ किया गया तो उसमें से दो बोरे से ज्यादा प्लास्टिक की बोतलें और अन्य प्लास्टिक वेस्ट निकला, प्लास्टिक ने ही सीवरेज को जाम कर दिया था। ये महज एक एग्जांपल है। सी गोस्वामी ने बताया कि प्लास्टिक के वजह से अक्सर सीवरेज और पानी का पाइपलाइन जाम होता है।

फीगर स्पीक्स

आईआईटी कानपुर द्वारा 2006 में की गई एक स्टडी के अनुसार देश के झारखंड के विभिन्न शहरों में म्यूनिसिपल सॉलिड वेस्ट का ये हैं कंपोजिशन

कंपोजिशन जमशेदपुर रांची धनबाद

Compostable 43.36 51.49 46.93

Paper 10.24 3.17 7.20

Plastic 5.27 3.45 5.56

Glass 0.06 1.79 1.79

Metal 0.13 1.45 1.62

Rubber

X leather 2.51 1.45 2.77

Wooden matter 4.29 2.74 1.56

Rags 2.99 4.97 4.14

Inert 30.93 25.92 26.93

डू यू नो

म्यूनिसिपल सॉलिड वेस्ट में साल दर साल बढ़ रहा प्लास्टिक

इयर प्लास्टिक/रबर (%)

क्99म् 0.म्0

ख्00भ् 9.ख्ख्

ख्0क्क् क्0.क्क्

(सोर्स : प्लानिंग कमीशन रिपोर्ट)

प्लास्टिक की वजह से अक्सर सीवरेज और पानी का पाइपलाइन जाम होता है। डस्टबीन रखा होने के बावजूद लोग कचरा इधर-उधर फेंकते है। हवा चलने या बारिश होने पर ये कचरा नालियों में जाता है। इसकी वजह से काफी साफ-सफाई में काफी परेशानी होती है।

-सी गोस्वामी, सैनिटरी इंस्पेक्टर, एमएनएसी

शहर को साफ रखना सभी की जिम्मेदारी है। सड़कों पर या पब्लिक प्लेसेज में कचरा फेंकने के बजाय अगर सभी लोग डस्टबीन में कचरा डाले को म्यूनिसिपल अथॉरिटीज के लिए भी साफ-सफाई करना आसान होगा। प्लास्टिक वेस्ट एक बड़ी समस्या है। अगर पॉलीथिन के बजाय कपड़े या जूट से बने बैग्स का इस्तेमाल किया जाए, तो इस समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

सुकन्या दास, जुस्को