JAMSHEDPUR: सोमवार की रात हुई घटना के बाद शहर को छावनी में तब्दील कर दिया गया था। मंगलवार को भी सीआरपीएफ और जिला पुलिस के जवानों ने फ्लैग मार्च किया और स्थिति का जायजा लिया। हालांकि लाख अभियान के बाद सड़क पर उपद्रवी और शरारती तत्व जमे रहे।

अशांत हो गया शहर

सोमवार कि रात हुई छेड़खानी की घटना के बाद पूरा शहर अशांत हो गया। किसी एक व्यक्ति की गलती का खामियाजा पूरे शहर वासियों को भुगतना पडा। घटना की रात से मानगो में उपद्रव शुरू हो गया था। सुबह होते होते मामला पूरे शहर में फैल गया। स्कूली बच्चे, दूसरे शहर से जमशेदपुर आने वाले यात्री और तमाम लोगों को परेशानी हुई। स्कूलों में तो समय से पहले ही छुट्टी दे दी गई थी। स्कूली बच्चों के चेहरे पर खौफ साफ दिख रहा था। बच्चों को स्कूल से रिसिव करने कई पैरेंट्स भी स्कूल पहुंचे थे। उपद्रव, हंगामा और भीड़ के बीच बच्चे घर की ओर जा रहे थे। पूरे शहर के लोग परेशान रहे।

समय पर आती पुलिस, तो नहीं बढ़ता मामला

प्रत्यशदर्शियों की मानें तो छेड़खानी के घटना के बाद जमा हो रही भीड़ को पुलिस कंट्रोल कर लेती, तो शायद मामला इतना नहीं बढ़ता। सोमवार को भी पुलिस ने कार्रवाई करने में कोताही बरती। रात में पुलिस के सामने हंगामा होता रहा। फायरिंग की गई, लेकिन पुलिस ने क्राउड मैनेजमेंट में कोई विशेष भूमिका अदा नहीं की। लिहाजा मामला बढ़ता गया। यहां तक कि सीनियर ऑफिसर्स के मोर्चा लेने के बाद भी पुलिस के जवानों ने अपने कदम पीछे कर लिए।