-साकची स्थित रवींद्र भवन में 8 से 10 जनवरी तक होगा सम्मेलन

JAMSHEDPUR: साकची स्थित रवींद्र भवन में 8-क्0 जनवरी तक तीन दिवसीय रवींद्र संगीत सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें देश-विदेश के कलाकार रवींद्र संगीत सुनाएंगे। टैगोर सोसाइटी के मानद महासचिव आशीष चौधरी ने बताया कि इस आयोजन में प्रत्येक दिन अलग-अलग कलाकार रवींद्र संगीत पर मनमोहक प्रस्तुति देंगे। उन्होंने बताया कि आठ जनवरी को कार्यक्रम के उद्घाटन के साथ ही बांग्लादेश की ख्यातिनाम रवींद्र संगीत कलाकार अदिति महसिन, श्रीकांत आचार्य, साशा घोषाल, श्रेया गुहा ठाकुरता अपनी प्रस्तुति देंगे, वहीं नौ जनवरी को रिजवाना चौधुरी बन्या, मृणमय भट्टाचार्य, जयति चक्रवर्ती वमालिनी मुखर्जी अपनी प्रस्तुति देंगे। क्0 जनवरी को शहर की सुविख्यात कलाकार चंदना चौधरी व सुरजीत चटर्जी के अलावा बांग्लादेश की लायजा अहमद लीजा व अजीजुर रहमान तुहिन अपनी प्रस्तुति देंगे। इन कलाकारों के लिए वाद्ययंत्र में तबला पर विप्लव मंडल, की-बोर्ड पर सुब्रतो मुखर्जी, यशराज पर अंजन बासु तथा मंजिरा में संजीवन आचार्य जी संगीत देंगे। उन्होंने बताया कि रवींद्र संगीत के इस वार्षिक आयोजन का उद्देश्य वर्तमान पीढ़ी को रवींद्र संगीत की बारीकियों बताना और उनमें इसके प्रति रुझान पैदा करना है। उन्होंने कहा कि कला एवं संगीत ही पीढि़यों को जोड़कर रखती है। टैगोर सोसाइटी इसे प्रोत्साहित करती है। उन्होंने रवींद्र संगीत प्रेमियों से आग्रह किया है कि वे इस तीन दिवसीय रवींद्र संगीत सम्मेलन का लुत्फ सपरिवार उठाएं।

उत्तर प्रदेश संघ में भागवत कथा

उत्तर प्रदेश संघ की सांस्कृतिक समिति के तत्वावधान में एमएनपीएस स्कूल कैंपस में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के छठवें दिन बुधवार को कथावाचक आचार्य राजकुमार बाजपेयी ने कहा कि धर्म ही प्रभु से मिलवाता है। धर्म ही है जिसकी शरण में जाने पर हम अपनी मंजिल तक पहुंच सकते हैं और जब कोई धर्म को आगे बढ़ाता है तो उसके पैर खींचने वाले बहुत होते हैं। कभी किसी पर क्रोध आए तो तुरंत प्रतिक्रिया करने से पहले कुछ देर शांत हो जाएं। गुस्सा खुद ब खुद खत्म हो जाएगा। जीवन बार-बार नहीं मिलता इसलिए इसे अच्छे काम में लगाना चाहिए। उद्धव को अपनी विद्वता पर बड़ा ही अभिमान था तब भगवान ने उन्हें ब्रज में भेजा। जब वह ब्रज पहुंचे तो गोपियों ने प्रेम की परिभाषा देते हुए उनकी विद्वता के अभिमान को प्रेम रूपी चादर से ढंक दिया। इसके बाद उद्धव ने ब्रज की गोपियों से कहा कि मेरा ज्ञान आपके कृष्ण प्रेम के आगे शून्य है। इस प्रकार भगवान ने उसके अभिमान को चूर-चूर कर दिया। कथा के दौरान डॉ। डीपी शुक्ल, रामफल मिश्रा, एके पांडेय, केपी सिंह, बीएन दुबे सहित उत्तर प्रदेश संघ की कार्यकारिणी के तमाम सदस्य मौजूद थे।