ष्ट॥न्ञ्जक्त्रन् : हेरूआ डैम के घटते जल स्तर को देखते हुए पेयजल एवं स्च्च्छता प्रमंडल द्वारा शहर में जलापूर्ति को लेकर शुरू की गई नई व्यवस्था कारगर साबित नहीं हो रही है। परिणामस्वरूव राश¨नग व्यवस्था को लागू होने के बाद से शहर के कई मोहल्लों में पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। पेयजल एवं स्च्च्छता प्रमंडल ने दस दिसंबर से शहर में राश¨नग व्यवस्था को लागू किया है। व्यवस्था के अनुसार सप्ताह में चार दिन अर्थात रविवार, मंगलवार, गुरुवार एवं शुक्रवार को ही जलापूर्ति होगी। शनिवार, सोमवार एवं बुधवार को जलापूर्ति ठप रहेगी। ऐसे में कई मोहल्लों में जलापूर्ति दस दिसंबर के बाद बाधित है। मोहल्लावासियों का कहना है कि नई व्यवस्था लागू होने के बाद जलापूर्ति का प्रेशर में प्रेशर नहीं है। ऐसे में उपभोक्ताओं को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है।

टंकी में नहीं चढ़ रहा पानी

उपभोक्ताओं का कहना है कि राश¨नग व्यवस्था लागू होने के बाद जलापूर्ति मात्र एक से डेढ़ घंटा हो रही है। लेकिन प्रेशर नहीं रहने के कारण पानी का संग्रहण टंकियों में नहीं हो पा रहा है। ऐसे में पीने का पानी का भी संकट उत्पन्न हो गया है। यहां पर उल्लेखनीय है कि शहर की करीब आधी आबादी जलापूर्ति पर निर्भर है। कुछ ऐसे भी मोहल्ला है, जहां पर जलापूर्ति का पानी पहुंच नहीं रहा है। उसकी वजह यह है कि राश¨नग व्यवस्था लागू होने के बाद भूमिगत पाइप में पानी का ठहराव नहीं हो रहा है। जब जलापूर्ति शुरू होती है, तब ऊपरी क्षेत्र के पाइप लाइन में पानी भरने में एक घंटा का समय लगता है। जब तक पाइप लाइन में पानी संग्रहित होता है, तब जलापूर्ति बंद कर दी जाती है। ऐसे में पानी का आपूर्ति इन क्षेत्रों में नहीं हो पाता है।

व्यवस्था को लागू हुए अब दो तीन दिन ही हुए हैं। यदि व्यवस्था कारगर नहीं हो रही है, तो उसे कारगर बनाने का प्रयास किया जाएगा। प्रमंडल ने सप्ताह में चार दिन जलापूर्ति का निर्णय लिया है।

मिथिलेश कुमार सिंह

कार्यपालक अभियंता, पेयजल एवच् स्वच्छता प्रमंडल, चतरा।