JAMSHEDPUR: शहर में रथयात्रा की भव्य तैयारी की जा रही है। बेल्डीह नागा मंदिर, बाराद्वारी स्थित गांधी आश्रम व जुगसलाई की रथ गली में भगवान के रथ को सजाया-संवारा जा रहा है, वहीं सुबह से शाम तक पूजा-अर्चना, हरि कीर्तन आदि चल रहे हैं। इसमें इस्कॉन की रथयात्रा सबसे अनूठी होगी, जो साकची क्षेत्र में भ्रमण करेगी। इसमें शामिल होने के लिए मायापुर (प। बंगाल) समेत कोलकाता, खड़गपुर, राउरकेला, पुरुलिया, रघुनाथपुर, सिल्ली आदि शहरों से करीब फ्00 श्रद्धालु आए हैं, जबकि नगर भ्रमण में करीब क्0,000 भक्तों के शामिल होने का अनुमान है। इस्कॉन सेंटर के प्रमुख संन्यासी श्रीधाम गोविंद दास ने बताया कि शनिवार को अपराह्न फ्.फ्0 बजे साकची स्थित अग्रसेन भवन से रथ यात्रा निकलेगी, जो कालीमाटी रोड होते हुए सागर होटल से साकची गोलचक्कर होकर लौटेगी। रथ पर भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र व बहन सुदर्शन के अलावा सुदर्शन (चक्र) विराजमान रहेंगे। नगर भ्रमण में बतौर मुख्य अतिथि झारखंड सरकार के खाद्य आपूर्ति व संसदीय कार्यमंत्री सरयू राय, विशिष्ट अतिथि सांसद विद्युत वरण महतो, इंटक नेता राकेश्वर पांडेय, नारायण अग्रवाल के अलावा टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष समेत सभी पदाधिकारी शामिल होंगे।

नव कलेवर में होंगे भगवान

संन्यासी श्रीधाम गोविंद दास ने बताया कि क्9 वर्ष बाद भगवान की मूर्ति नीम की नई लकडि़यों से बनाई गई है। इसमें भगवान जगन्नाथ व सुभद्रा की मूर्ति में झारखंड के जंगल से आई लकड़ी का उपयोग किया गया है, जबकि बलभद्र के लिए प। बंगाल व ागवान सुदर्शन की मूर्ति ओडिशा के जंगल से आई लकड़ी का इस्तेमाल किया गया है। दास ने बताया कि जिस वर्ष आषाढ़ मास में पुरुषोत्तम मास या अधिक मास पड़ता है, उस वर्ष ागवान की मूर्ति बदली जाती है। इसके लिए नीम की लकड़ी उसी पेड़ से ली जाती है, जिसमें शंख, चक्र, गदा या पद्म के चिह्न हों। पेड़ के नीचे सांप का बिल हो और उस पर किसी चिडि़या का वास ना हो।

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उत्कल समाज में होगा अनुष्ठान

रथयात्रा का अनुष्ठान गोलमुरी उत्कल समाज में भी धूमधाम से मनाया जा रहा है। यहां शनिवार को सुबह आठ बजे घट स्थापना होगी, जबकि दोपहर क्ख्.फ्0 बजे प्राण-प्रतिष्ठा व शाम सात बजे संध्या आरती होगी। रथयात्रा का अनुष्ठान साकची स्थित उत्कल एसोसिएशन के अलावा टेल्को व बर्मामाइंस में भी मनाया जाएगा।