-ग्रेजुएशन पार्ट वन और पार्ट वन और पार्ट टू के स्टूडेंट्स का ये हाल

-रिजल्ट खराब होने पर कुछ स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन ने किया था हंगामा

JAMSHEDPUR: कुछ हफ्ते पहले हमने आपको बताया था कि क्क्वीं के स्टूडेंट्स को विज्ञान और विज्ञापन का अंतर नहीं मालूम, वे साहित्यकार का भी मतलब नहीं जानते। अब जरा ग्रेजुएशन के स्टूडेंट्स का कमाल देखिए। क्या ऐसी उम्मीद की जा सकती है कि ग्रेजुएशन के स्टूडेंट्स एग्जाम में अपना रोल नंबर गलत लिखें? कोई कॉपी ब्लैंक छोड़ दे तो कोई फिल्मी गाना लिख दे। शायद नहीं। पर ऐसी ही सच्चाई सामने आ रही है। कई ने तो बिना कुछ लिखे ब्लैंक आंसर बुकलेट जमा कर दी। कुछ में परीक्षा पास करा देने का अनुरोध आंसर बुकलेट पर लिखा गया है। यह हाल है कोल्हान यूनिवर्सिटी के कांस्टीट्यूएंट व एफिलिएटेड कॉलेजेज के स्टूडेंट्स का। पिछले दिनों कई कॉलेजेज के स्टूडेंट्स ने ग्रेजुएशन फ‌र्स्ट व सेकेंड इयर का रिजल्ट खराब होने के लिए यूनिवर्सिटी की ओर से अपनाई गई आंसर बुकलेट के इवैल्यूएशन प्रक्रिया को दोषी ठहराया था। छात्र संगठनों ने हंगामा व तोड़फोड़ तक कर डाला।

तब सच्चाई आई सामने

स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन के दबाव में वीसी डॉ। आरपीपी सिंह ने आंसर बुकलेट के रीइवैल्यूएशन व स्टेप मार्किंग की जांच के लिए स्वीकृति भी दे दी। कोल्हान यूनिवर्सिटी के एग्जामिनेशन डिपार्टमेंट की ओर से जब आंसर बुकलेट को री-इवैल्यूएशन के लिए निकाला गया तो अजीबोगरीब बातें सामने आई हैं। बड़ी संख्या में ऐसी आंसर बुकलेट मिले हैं जिनमें एग्जामिनीज ने रोल नंबर गलत लिखा है, आंसर बुकलेट को ब्लैंक ही जमा कर दिया है या उसपर बड़े अक्षरों में पास कर देने का अनुरोध किया है। इस तरह की बातें सामने आने के बाद कोल्हान यूनिवर्सिटी का परीक्षा विभाग अब उन आंसर बुकलेट को एग्जामिनेशन बोर्ड की मीटिंग में रखने की तैयारी कर रहा है ताकि असलियत को सामने लाया जा सके।

गलती स्टूडेंट्स की और

कोल्हान यूनिवर्सिटी के एग्जामिनेशन कंट्रोलर डॉ। गंगा प्रसाद का कहना है कि कोई भी शिकायत उन तक पहुंचने से पहले ही नेतागीरी शुरू हो जाती है, हंगामा होने लगता है। उनका कहना था कि स्टूडेंट्स ने रोल नंबर गलत लिखे हैं, आंसर बुकलेट ब्लैंक छोड़ी हैं और उसपर कुछ भी लिख दिया है। उन्होंने उन स्टूडेंट्स के बारे में बताया जो पेंडिंग रिजल्ट क्लियर नहीं होने की बात कही थी और यूनिवर्सिटी का चक्कर लगाने के बारे में कहा था। डॉ प्रसाद ने कहा कि जब सच्चाई जानने की कोशिश की तो उनकी कॉपी नहीं मिली। परीक्षा कक्ष के शीट से मिलान करने पर कॉपी ढूंढी गई तो उसपर रोल नंबर ही गलत लिखा था। उन्होंने ऐसे आंसर बुकलेट को एग्जामिनेशन बोर्ड की मीटिंग में रखा रखे जाने और मीडिया के माध्यम से सच्चाई सामने लाने की बात कही।

रिजल्ट खराब होने को लेकर हंगामा होने लगा था। स्टूडेंट्स की डिमांड को देखते हुए हमने अप्लीकेशन मंगवाए हैं। एग्जामिनेशन डिपार्टमेंट अपना काम कर रहा है। जो कुछ भी सच होगा, सामने आएगा। हमने तो यहां तक निर्देश दे रखा है कि जो स्टूडेंट चाहे, अपनी आंसर बुकलेट देख सकता है। जहां गलती यूनिवर्सिटी लेवल से हुई होगी उसे सही किया जाएगा.'

- डॉ। आरपीपी सिंह, वीसी कोल्हान यूनिवर्सिटी

रिजल्ट खराब हुआ तो उसमें किसकी गलती है। जो फेल हुए या जिनका पेंडिंग रिजल्ट क्लियर नहीं हुआ उसके लिए कौन जिम्मेवार है यह सच्चाई सामने आ जाएगी। आंसर बुकलेट में ऐसी गलतियां सामने आई हैं जो ग्रेजुएशन के स्टूडेंट्स से उम्मीद नहीं की जा सकती। किसी ने रोल नंबर गलत लिखा तो किसी ने गाना लिख दिया।

- डॉ गंगा प्रसाद, एग्जामिनेशन कंट्रोलर केयू