केयू में रजिस्ट्रार की नियुक्ति में योग्यता ताक पर रख डॉ एससी दास को रजिस्ट्रार बनाया गया
-रजिस्ट्रार के लिए 150 से ज्यादा सीनियर टीचर एलिजिबल हैं, पर उन्हें किया गया इग्नोर
JAMSHEDPUR:
ऊपर जो हमने लिखा है वह यूनिवर्सिटी का रजिस्ट्रार बनने के लिए क्वालिफिकेशन है जो स्टेट एचआरडी डिपार्टमेंट द्वारा चांसलर यानी गवर्नर की मंजूरी के बाद तय किया गया है। लेकिन कोल्हान यूनिवर्सिटी (केयू) कहां नॉर्म्स को फॉलो करता है। आपको आश्चर्य होगा यह जानकर कि फोर्थ और थर्ड ग्रेड के इंप्लॉई के अप्वॉइंटमेंट में रूल्स की दुहाई देने वाले केयू द्वारा रजिस्ट्रार जैसे इंपॉर्टेट पोस्ट पर नियुक्ति में एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया को ताक पर रख दिया गया। जी हां, केयू के रजिस्ट्रार डॉ एससी दास उस पोस्ट के लिए योग्यता नहीं रखते।
रीडर ग्रेड में आठ साल पूरा नहीं हुआ डॉ दास का
डॉ एससी दास का रीडर ग्रेड में प्रमोशन 29 जुलाई 2007 को हुआ था। उन्हें रजिस्ट्रार के पोस्ट पर नियुक्त करने को लेकर केयू द्वारा 16 सितंबर 2014 को नोटिफिकेशन जारी किया गया है। यानी रजिस्ट्रार बनने तक डॉ दास का रीडर ग्रेड में 7 साल और डेढ़ महीने ही पूरा हो पाया था। इससे साफ जाहिर होता है कि कोल्हान यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा गवर्नर हाउस को डॉ दास के क्वालिफिकेशन के बारे में सही जानकारी नहीं दी गई या फिर एलिजिबल कैंडीडेट का नाम ही नहीं भेजा गया।
एलिजिबल कैंडीडेट्स को इग्नोर किया गया
रजिस्ट्रार के पोस्ट के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया को पूरा करने की बात करें तो केयू में 1996 और 2008 बैच के टीचर्स को छोड़ दिया जाए तो उससे पहले अप्वॉइंट हुए टीचर्स एलिजिबल होंगे। 1996 से पहले के टीचर्स की संख्या केयू में 150 से ज्यादा है। यानी उतने एलिजिबल कैंडीडेट्स को इग्नोर कर डॉ दास को रजिस्ट्रार बनाया गया। सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्यों किया गया? आखिर डॉ दास के लिए सारे नॉर्म्स को ताक पर क्यों रखा गया।
ये क्या कह दिया वीसी ने?
रजिस्ट्रार की नियुक्ति में एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया को नजरअंदाज करने को लेकर जब हमने कोल्हान यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ आरपीपी सिंह से बात की तो उन्होंने डॉक्यूमेंट देखकर बताने के बारे कहा। उन्होंने नोटिफिकेशन देखकर बताया कि रजिस्ट्रार बनने के लिए रीडर होना अनिवार्य नहीं। उनका कहना था कि लेक्चरर के रूप में 15 साल का एक्सपीरिएंस हो, तो वह रजिस्ट्रार बन सकता है। जब एचआरडी के नोटिफिकेशन में एकदम क्लियर है कि 15 साल तक लेक्चरर या लेक्चरर सीनियर स्केल के एक्सपीरिएंस के साथ ही 8 साल तक रीडर ग्रेड में होना जरूरी है। तो क्या वीसी ने डॉ दास को बचाने के लिए ऐसा कहा। क्या उन्होंने सब जानते हुए भी सही जानकारी नहीं दी। सच्चाई सामने लाने के लिए हम आपको एचआरडी के नोटिफिकेशन की स्कैन कॉपी भी दिखा रहे हैं जो 18 मई 2004 को जारी की गई और उसके बाद स्टैचूट में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है।
for your information
- डॉ एससी दास क्99म् बैच के लेक्चरर हैं।
- डॉ दास को ख्007 में रीडर ग्रेड में प्रमोशन मिला
- डॉ दास को रीडर ग्रेड में प्रमोशन दिए जाने के नोटिफिकेशन का लेटर नंबर है - ख्/विवि/जेपीएससीक्9ब्/क्ख्(पार्ट)ख्ख्78 डेटेड ख्7.7.क्ख्
- डॉ दास टाटा कॉलेज चाईबासा स्थित ओडि़या डिपार्टमेंट में थे।
- डॉ एससी दास को रजिस्ट्रार के रूप में अप्वॉइंट किए जाने का नोटिफिकेशन - केयू/आर/88फ्/क्ब् डेटेड क्म्.9.ख्0क्ब् है।
- जब डॉ एससी दास रजिस्ट्रार बनाए गए उस समय तक उन्होंने रीडर ग्रेड में 8 साल कंप्लीट नहीं किया था, जो एचआरडी के नोटिफिकेशन के तहत अनिवार्य था
- रजिस्ट्रार पोस्ट के लिए क्वालिफिकेशन को लेकर स्टेट एचआरडी डिपार्टमेंट द्वारा हायर एजुकेशन के डायरेक्टर केके श्रीवास्तव द्वारा क्8 मई ख्00ब् को नोटिफिकेशन जारी किया गया।
- एचआरडी द्वारा जारी नोटिफिकेशन में गवर्नर सेक्रेटेरिएट के रेफरेंस नंबर भ्/वि-क्-क्0ख्/ख्00फ्/ख्फ्7 (डब्ल्यूई) डेटेड क्क्.भ्.ख्00ब् मेंशन किया गया है।
- एचआरडी के नोटिफिकेशन में साफ लिखा है कि यह स्टेट के सभी तीन यूनिवर्सिटीज (उस समय फ् ही स्टेट यूनिवर्सिटी थी) में लागू होंगी
- रजिस्ट्रार के क्वालिफिकेशन को लेकर उससे पहले के स्टैचूट को अमान्य कर दिया गया था।
- उसके बाद स्टैचूट में किसी तरह का बदलाव अभी तक नहीं किया गया है।
- क्99म् बैच से पहले के क्भ्0 से ज्यादा सीनियर टीचर रजिस्ट्रार के पोस्ट के लिए एलिजिबिलिटी रखते हैं पर उन्हें इग्नोर कर दिया गया।
रजिस्ट्रार के पोस्ट के लिए एलिजिबिलिटी की बात करें तो रीडर ग्रेड में 8 साल कंप्लीट करना अनिवार्य है। मैं भी रजिस्ट्रार बना था तो उस समय रीडर ग्रेड में मेरा 8 साल पूरा हो चुका था।
- डॉ एसएस रजी, केयू के पूर्व रजिस्ट्रार और को-ऑपरेटिव कॉलेज के प्रोफेसर इंचार्ज
किसी भी सीनियर टीचर को तभी रजिस्ट्रार बनाया जा सकता है जब वे रजिस्ट्रार के रूप में अप्वॉइंटमेंट के समय तक रीडर ग्रेड में 8 साल पूरा कर चुके हैं।
- डॉ केसी डे, केयू के पूर्व रजिस्ट्रार और डिपार्टमेंट ऑफ केमिस्ट्री के हेड
मैंने तो जेपीएससी का नोटिफिकेशन देखा है। रजिस्ट्रार बनने के लिए रीडर होना जरूरी नहीं। लेक्चररशिप में क्भ् साल का एक्सपीरिएंस होना चाहिए। वैसे भी डॉ दास को तभी तक के लिए रजिस्ट्रार बनाया गया है जबतक कि जेपीएससी द्वारा नए रजिस्ट्रार की नियुक्ति न की जाए।
- डॉ आरपीपी सिंह, वीसी, केयू
यूनिवर्सिटी द्वारा जो तीन नाम भेजे गए थे उन्हीं में से एक को चांसलर द्वारा रजिस्ट्रार अप्वॉइंट करने का परमिशन दिया गया। हमें रिकार्ड देखना होगा कि डॉ दास का क्या क्वालिफिकेशन लिखकर भेजा गया था।
- नलिन कुमार, ओएसडी (जे), गवर्नर सेक्रेटेरिएट