द्भड्डद्वह्यद्धद्गस्त्रश्चह्वह्म ट्ठ : प्रथम स्वतंत्रता संघर्ष के आरम्भिक वर्षो में बलिदान देने वाले झारखण्ड के दो अमर शहीदों टिकैत उमराव सिंह व शेख भिखारी के शहादत दिवस पर मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय के उप समाहश्रा संजय कुमार ने सीतारामडेरा स्थित आदिवासी प्लस टू उच्च विद्यालय पहुंच कर बच्चों को उक्त शहीदों के योगदान से परिचय कराया। दोनों शहीदों के चित्रों पर शिक्षकों व छात्र-छात्राओं के साथ सामूहिक पुष्पांजलि दी गई। संजय कुमार ने शहीद उमराव सिंह व उनके दीवान शेख भिखारी के जीवन परिचय पर प्रकाश डालते हुए छात्रों को बताया कि ओरमाझी क्षेत्र के उक्त दोनों नायकों ने स्थानीय लोगों को एक जुट कर छ: माह तक अग्रेजी सेना से बगावती अंदाज में संघर्ष किया किन्तु बाद में वे अग्रेजी सैनिकों द्वारा पकड लिये गये। फलस्वरुप 8 जनवरी 1858 को चुटूपालू घाटी में बरगद की डाल पर दोनों को एक साथ फासी दे दी गई।

सीख लेने की जरूरत

झारखण्ड का इतिहास ऐसे क्त्रांतिकारियों की गाथाओं से भरा पड़ा है जिन्होंने प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अद्वितीय योगदान दिया। बच्चों को भी हमारे इन शहीद क्त्रांतिकारी नायकों से राष्ट्र प्रेम और त्याग की सीख लेनी चाहिए। विद्यालय के प्राचार्य छोटन लोहरा, शिक्षक भूपेन्द मिश्र, दीप्तिश कुमार कुईला के अलावा छात्रा अंजली कुमारी मिश्रा ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर प्रमोद कुमार दीक्षित, प्रियंका कुमारी, चन्दन सिंह राजपूत, सुमित कुमार, रितु कुमारी, रोमा, कुसुम लकड़ा आदि मौजूद थे।

रवींद्र संगीत सम्मेलन का आगाज

साकची स्थित रविन्द्र भवन परिसर में शुक्रवार से तीन दिवसीय रवींद्र संगीत सम्मेलन प्रारम्भ हुआ। जिसमें प्रथम दिन सासा घोषाल, अदिती महसीन, श्रीकांत आचार्य, श्रेया गुहा ठाकुरता ने रविन्द्र संगीत में अपनी प्रस्तुति दी। तबला पर बिप्लब मंडल की बोर्ड पर सुब्रतो मुखर्जी, एसराज पर अंजन बासु, मंजिरा पर संजीवन आचार्य ने कलाकारों के गीत को माधुर्य प्रदान किया। उपरोक्त जानकारी देते हुए टैगोर सोसाईटी के मानद महासचिव आशीष चौधुरी ने बताया कि रविन्द्र भवन में आयोजित रविन्द्र संगीत सम्मेलन के आयोजन का मुख्य उद्देश्य युवाओं को अपनी अमूल्य धरतीसे जोड़ना है।