जमशेदपुर (ब्यूरो): बिष्टुपुर तुलसी भवन में चल रहे सप्ताह व्यापी श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन सोमवार को कथावाचक सीताराम शास्त्री ने व्यास पीठ से अजामिल उद्धार, भक्त प्रहलाद चरित्र एवं नरसिंह अवतार का प्रसंग का व्याख्यान किया। उन्होंने कहा कि अभिमान शून्य ह्रदय ही प्रभु को वंदन कर सकता है। अभिमान त्यागने की चीज हैं, किन्तु भक्ति दर्शन कहता है कि यदि अभिमान को नहीं छोड़ सकते तो वह अभिमान प्रभु के चरणों से जोड़ दें। मैं भगवान का हूं और भगवान मेरे हैं, ऐसा अभिमान तो ऋषियों ने भी मांगा है। भक्त प्रहलाद चरित्र का प्रसंग सुनाते हुए कथावाचक ने आगे कहा कि सच्चा साधक कभी भी परिस्थितियों को दोष नहीं देता। आज तक किसी के जीवन में एक जैसी परिस्थिति नहीं रही। सत्संग से परिस्थिति नहीं बदलती, अपितु मन स्थिति संभलती हैं। शास्त्री जी ने कहा की संतों ने भी यही संदेश दिया है कि परिस्थिति मत टालो मन:स्थिति को संभालो। कहा कि भागवत की कथा वर्तमान में प्रासंगिक है। उसके चिंतन से ही साधक मानसिक धरातल को मजबूत कर सकता है। कहा कि कलयुग हरिनाम ही प्रभु प्राप्ति का एक मात्र श्रेष्ठ साधन है। कपिल उपदेश का प्रसंग सुनाते हुए महाराज ने कहा कि संत गुणवाचक शब्द है, भेषवाचक नहीं। जब से भेष से संतों की पहचान होने लगी है तब से संतत्व की महिमा कम हुई है। हमारी संस्कृति में जटायु, जामवंत संत हैं, पर रावण कामनेमी नहीं। गुणों से संत होते है। चौथे दिन मंगलवार को वामन अवतार, श्री राम जन्म, श्री कृष्ण प्राकट्य एवं नंद महोत्सव का प्रसंग होगा। कथा के दौरान उपस्थित श्रद्धालु देर संध्या तक जमे रहे।

दो महिलाओं को मिली सिलाई मशीन

झारखंड प्रादेशिक मारवाड़ी महिला सम्मेलन और मारवाड़ी महिला मंच जमशेदपुर द्वारा आयोजित कथा के दौरान सोमवार को महिला सशक्तिकरण प्रकल्प के तहत दो जरूरतमंद महिलाओं को कथावाचक सीताराम शास्त्री ने अपनेे हाथों से सिलाई मशीन दी।

10 यजमानों ने की पूजा

सोमवार की सुबह 10 यजमान क्रमश: उषा बागड़ी, रूपा अग्रवाल, मंजु महेश्वरी, प्रीति अग्रवाल, सुषमा अग्रवाल, किरण देबुका, पुरूषोत्तम देबुका, अभिषेक गोल्डी, सरोज कांवटिया, प्रखर मिश्रा ने संयुक्त रूप से पूजा करायी। भागवत कथा में मुकेश मित्तल, संदीप मुरारका, अभिषेक अग्रवाल गोल्डी, कमल किशोर अग्रवाल आदि ने बांके बिहारी के दरबार में हाजिरी लगायी।