-जिसके लिए सीएनटी-एसपीटी बना था, उस समूह से उठनी चाहिए बदलाव की आवाज

JAMSHEDPUR: सीएनटी-एसपीटी एक्ट जिसके लिए बनाया गया था, उस समूह में इसपर व्यापक चर्चा शुरू होनी चाहिए, ताकि इस समाज के लोगों को लगे कि सरकार जो काम करने जा रही है, वह वाकई में उनके हित में है। यह कहना था राज्य के खाद्य आपूर्ति व संसदीय कार्यमंत्री सरयू राय का। राय रविवार को बिष्टुपुर में पत्रकारों से बात कर रहे थे। जब सरयू राय से पूछा गया कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट पर मुख्यमंत्री रघुवर दास व पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के अलग-अलग बयान आये हैं तो राय ने कहा कि उनके सामने सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन संबंधी अध्यादेश नहीं आया था, इसलिए वह इसपर कुछ नहीं बोल सकते।

उन्होंने कहा कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट जमीन का कानून है। यदि हमारे मुख्यमंत्री रघुवर दास इस मुद्दे पर प्रतिदिन अपना बयान दे रहे हैं कि एक्ट की मूल भावना से कहीं कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है तो वह भी इससे सहमत हैं.आदिवासी समाज के भी कुछ लोगों ने संशोधन की मांग करनी शुरू की है। विकास सभी चाहते हैं। यदि इसके बाद भी समाज के बहुसंख्य लोग समझ नहीं पा रहे तो वर्तमान सीएनटी-एसपीटी एक्ट के आधार पर ही नीतियां बननी चाहिए।