UCIL का mining safety measures है सराहनीय
आइईएईए एक्सपर्ट हरिकृष्णन तुलसी दास ने माइनिंग के दौरान सेफ्टी मेजर्स की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आइईएईए का यूरेनियम प्रोडक्शन साइकिल मेंबर स्टेट्स के लिए न्यूक्लियर एनर्जी के पीसफुल यूज पर जोर रहता है। उन्होंने माइनिंग एरिया में यूसिल के सेफ्टी मेजर्स की भी सराहना की।

India के लिए बहुत जरूरी है nuclear power
हैदराबाद के न्यूक्लियर फ्यूल कॉम्पलेक्स के चीफ एग्जीक्यूटिव एन साईबाबा ने मानव जीवन खासकर इंडिया के लिए न्यूक्लियर पावर को जरूरी बताया। उन्होंने डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी द्वारा आने वाले वर्षों में ऑर्गेनाइज किए जाने वाले न्यूक्लियर पावर प्रोग्र्राम के बारे में भी इन्फॉर्मेशन दी।

ताकि बढ़े uranium recovery
बीएआरसी के केमिकल इंजीनियरिंग ग्र्रुप के डायरेक्टर एसके घोष ने ट्रेडिशनल व कन्वेंशनल व अन कन्वेंशनल रिसोर्स के जरिए यूरेनियम रिकवरी को बढ़ाने के लिए इंडिया व दूसरी कंट्री द्वारा किए जा रहे रिसर्च के संबंध में जानकारी दी। कनाडा से आए आईएईए एक्सपर्ट हेनरी स्नेल ने ग्लोबल यूरेनियम प्रोजेक्ट के बारे में बताया।

इन countries के deligates कर रहे participate
इंडिया के अलावा अर्जेंटिना, कैमरून, कांगो, ब्राजील, इजिप्ट, इथोपिया, इराक, इंडोनेशिया, मंगोलिया, जॉर्डन, नाइजर, नेपाल, पाराग्वे, पोलैैंड, फिलिपिंस, सूडान, सिरान, तजाकिस्तान, थाइलैैंड, टर्की, तंजानिया। यमन, वेनेजुएला व युगांडा के डेलिगेट्स शामिल हो रहे हैैं। चीन से भी पार्टिसिपेशन होना था, लेकिन किसी कारण वहां के डेलिगेट नहीं शामिल हो सके।

यूरेनियम सेक्टर में नया इंवेस्टमेंट नहीं होने पर भी चिंता जतायी
यूसिल के सीएमडी दिवाकर आचार्य ने कहा कि यूरेनियम की कीमतें कोल व आयरन ओर के मुकाबले नीचे गिरती जा रही हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका व रूस के बीच हुए एटॉमिक एक्सप्लोरेशन एग्र्रिमेंट के बाद यह सिचुएशन पैदा हुई। उन्होंने उम्मीद जतायी कि अगले दो साल में सिचुएशन बेहतर होगा, क्योंकि सभी कंट्री एटॉमिक एनर्जी यूनिट की जरूरत महसूस कर रहे हैं। उन्होंने पिछले एक दशक में कंट्री में यूरेनियम सेक्टर में कोई नया इंवेस्टमेंट नहीं होने पर भी चिंता जतायी। सीएमडी ने इस दौरान सभी डेलिगेट्स से एन्वायरमेंट फ्रैंडली माइनिंग के न्यू मेथड्स में शामिल होने की भी अपील की। मौके पर उन्होंने यूरेनियम माइनिंग टेक्निक पर प्रेजेंटेशन दिया।