-वार्षिक आमसभा में सर्वसम्मति से रखा गया प्रस्ताव

-बिष्टुपुर स्थित चैंबर भवन में मंगलवार को हुई बैठक

JAMSHEDPUR: सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री का नाम कोल्हान चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री होगा। इसका प्रस्ताव म्भ्वीं वार्षिक आमसभा (एजीएम) में सर्वसम्मति से रखा गया। बिष्टुपुर स्थित चैंबर भवन में मंगलवार को हुई बैठक में पूर्व सचिव सुधीर सिंह ने कहा कि जब चैंबर का गठन हुआ था, उस वक्त यह सिंहभूम जिला था। अब इसमें तीन जिले बन चुके हैं और इसे कोल्हान के नाम से जाना जाता है, लिहाजा चैंबर का नाम बदलना उचित रहेगा। सुधीर के प्रस्ताव का उपाध्यक्ष नंदकिशोर अग्रवाल समेत सभी पदाधिकारियों व सदस्यों ने समर्थन किया। अध्यक्ष सुरेश सोंथालिया ने भी सहमति जताते हुए कहा कि इसे कार्यसमिति की बैठक में रखा जाएगा। इससे पूर्व अध्यक्ष ने पिछली आमसभा में उठाए गए प्रस्ताव 'अध्यक्ष-महासचिव के लिए पूर्व पदाधिकारी होने की अनिवार्यता' को पटल पर रखा, लेकिन इसे सदस्यों ने खारिज कर दिया। 'सिया' के अध्यक्ष प्रमोद सिंह ने कहा कि दूसरे व्यवसायिक संगठन में व्यापक अनुभव रखने वाले का लाभ चैंबर क्यों नहीं उठा सकता। पूर्व उपाध्यक्ष भरत वसानी, जगदीश खंडेलवाल, अखिलेश दुबे सहित अन्य सदस्यों ने भी प्रस्ताव का विरोध किया, तो अध्यक्ष ने अगले एजीएम तक के लिए इसे स्थगित करने की घोषणा की।

अध्यक्षीय भाषण से शुरुआत

आमसभा की शुरुआत सुरेश सोंथालिया के अध्यक्षीय भाषण से हुई, जबकि मानद महासचिव प्रभाकर सिंह ने प्रतिवेदन पढ़ते हुए एक वर्ष के कार्यक्रमों और उपलब्धियों को सदस्यों के समक्ष रखा। इसी क्रम में अध्यक्ष की अनुमति से चारों उपसमितियों व्यापार एवं वाणिज्य, उद्योग, वित्त व कराधान और जनसंपर्क व कल्याण के उपाध्यक्षों (नंदकिशोर अग्रवाल, अशोक भालोटिया, मानव केडिया तथा विजय आनंद मूनका) ने प्रतिवेदन और सचिव (नितेश धूत, पुनीत कावंटिया व दिलीप गोलछा) ने प्रस्ताव प्रस्तुत किया। आमसभा में चैंबर द्वारा प्रकाशित मासिक 'चैंबर दर्शिका' का भी अनावरण किया गया। एजीएम में बीएन शर्मा, किशोर गोलछा, आरएन राणासरिया, श्रवण देबुका, श्रवण काबरा, निर्मल काबरा, नीरज मिश्रा आदि ने भी अपने विचार रखे।

सदस्यता को ले गरमाया माहौल

एजीएम की 'एनी अदर मैटर' में सबसे पहले आलोक चौधरी ने महासचिव से पूछा कि सदस्यता अभियान क्यों बंद है, इसे शुरू क्यों नहीं किया जा रहा है। चैंबर की सदस्य पंजी में प्रतिनिधियों की संख्या आदि का सुधार हुआ कि नहीं। इस पर रेडक्रॉस के मानद सचिव विजय सिंह ने इसके नफा-नुकसान की बात कही, तो अध्यक्ष ने कहा कि इसके लिए एक कमेटी बनाई गई है, जो अपना काम कर रही है। महासचिव ने सदस्यों को आश्वस्त किया कि सदस्यता पंजी में दो महीने के अंदर सुधार कर लिया जाएगा। इस पर उपाध्यक्ष नंदकिशोर अग्रवाल ने भी अपने विचार रखे, जिसमें महेश सोंथालिया की टोका-टाकी से माहौल तनावपूर्ण हो रहा था।

चैंबर भवन में बने एक और मंजिल

महेश सोंथालिया ने अध्यक्ष को सुझाव दिया कि चैंबर भवन को एक मंजिल और बना लेना चाहिए। अब जुस्को से भी इसकी अनुमति मिलने में कठिनाई नहीं होगी। इससे चैंबर में पार्किंग की समस्या भी हल हो सकती है। कुछ सदस्यों ने चैंबर भवन के अलग जमीन खरीदने का भी सुझाव दिया। अध्यक्ष ने आश्वस्त किया कि उनके सुझावों को कार्यसमिति बैठक में रखा जाएगा।