जेनरल इलेक्शन में दबा स्टूडेंट्स इलेक्शन
जेनरल इलेक्शन की तैयारी तो चल रही है, लेकिन 2009 में रांची यूनिवर्सिटी से सेपरेट होने के बाद कोल्हान यूनिवर्सिटी (केयू) के स्टूडेंट पहले स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन का वेट करने को मजबूर हैं। फिलहाल तो कोड ऑफ कंडक्ट लागू होने की वजह से प्रजेंट सेशन में इलेक्शन होने की उम्मीद भी नहीं है। इलेक्शन के बाद केयू को नया और परमानेंट वीसी मिलेगा तभी इलेक्शन की उम्मीद है। जुलाई से नया सेशन स्टार्ट हो जाएगा और तबतक ऐसा होना मुश्किल है।
सिर्फ बातें हुई और कुछ नहीं विल पावर की कमी दिखी
स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन को लेकर केयू एडमिनिस्ट्रेशन कभी भी सीरियस नहीं दिखा। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इलेक्शन को लेकर 2012 और 2013 में सभी कॉलेजेज से इलेक्टोरल रोल तैयार करवा लिया गया और फिर उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। केयू ने कभी आरयू को फॉलो करने की बात कही तो कभी डायरेक्ट और इंडायरेक्ट इलेक्शन पर मामले को अटका दिया गया।
तो सभी हैं स्टूडेंट्स लीडर
केयू में स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन नहीं होने की वजह से डिफरेंट स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन से जुड़े लोग खुद को स्टूडेंट्स लीडर कहते हैं, जबकि कॉलेज और यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन उनके लिए शो-कॉल्ड स्टूडेंट्स लीडर शद यूज करते हैं। यही वजह है कि सिटी के कॉलेजेज में अक्सर स्टूडेंट्स लीडर के नाम पर कोई भी हंगामा करने पहुंच जाता है। दूसरी तरफ स्टूडेंट्स की एक्चुअल प्रॉलम को सॉल्व करने वाला कोई नहीं। जेसीएम से जुड़े पवन सिंह कहते हैं कि उनके ऑर्गेनाइजेशन द्वारा स्टूडेंट्स के फेवर में काफी काम किया जाता है, लेकिन
इलेक्शन नहीं होने और मान्यता नहीं मिलने की वजह से दूसरों के साथ उनको भी शो-कॉल्ड स्टूडेंट्स लीडर की केटेगरी में शामिल कर दिया जाता है।
वैसे तो स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन कराना यूनिवर्सिटी का काम है पर फिलहाल तो ऐसा नहीं हो पाएगा क्योंकि आचार संहिता लागू होने से बहुत सारे काम रोक दिए गए हैं। इलेक्शन के बाद ही वीसी का अप्वॉइंटमेंट भी हो पाएगा।
-डॉ डीएन ओझा
डायरेक्टर हायर एजुकेशन झारखंड
Report by : jamshedpur@inext.co.in
National News inextlive from India News Desk