छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : ऑल इंडिया प्री मेडिकल एंड डेंटल इंट्रेंस टेस्ट(एआइपीएमटी) में धराए तीन मुन्ना भाइयों पर झारखंड एग्जामिनेशन कंडक्ट एक्ट, आईटी और आइपीसी 420 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने डीएवी बिस्टुपुर परीक्षा केंद्र से रविवार को तीनों स्टूडेंट्स को मॉडर्न डिवाइस के हेल्प से परीक्षा देते हुए पकड़ा था। सोमवार को नाबालिग शशि शेखर आजाद(17साल) को बाल सुधार गृह और धनंजय यादव व मो शब्बीर को जेल भेजा गया है।

गंजी में तार, अंडरवियर में छिपा था मोबाइल

बिष्टुपुर थाना प्रभारी जीतेंद्र कुमार ने बताया कि तीनों स्टूडेंट्स ने गंजी के सहारे ब्लूटूथ का तार छिपा रखा था। सबसे छोटे आकार के वायरलेस इयरफोन कान में लगाकर परीक्षा लिख रहे थे। अंडरवियर में मोबाइल छिपा कर रखा गया था। एक कैंडिडेट का मोबाइल साइलेंट मोड में था। किसी तरह मोड चेंज होने के बाद एग्जाम सेंटर पर ही मोबाइल घनघना उठा। इसके बाद सारी पोल खुल गई। जबकि दूसरा कैंडिडेट कहीं बातकर रहा था। इसकी शिकायत बगल में परीक्षा दे रहे स्टूडेंट ने की। इसके बाद जांच की गई। तो उसकी भी पोल खुल गई।

2 लाख दिया था एडवांस

नवादा जिले के शशि शेखर(17साल) ने पुलिस को बताया कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा पास कराने के लिए गया के राजेश नामक युवक से 10 लाख में सौदा हुआ था। इसके लिए उसने दो लाख रुपए एडवांस भी दिए थे। कई छात्रों ने राजेश को पैसे दिए हैं। जमशेदपुर में परीक्षा के लिए सभी उपकरण राहुल नामक युवक ने उपलब्ध कराया था। टाटा नगर रेलवे स्टेशन के पास सभी उपकरण दिए गए। वहां पर डेमो कराया गया। उस समय वहां पर तीन से चार लड़के मौजूद थे। राहुल ने सभी को बताया कि सबसे पहले क्वेश्चन पेपर का ग्रुप बताना, इसके बाद धीरे धीरे प्रश्न पूछना है फिर वहां से आंसर दिया जाएगा।

अजीत ने पास कराने की ली थी गारंटी

वैशाली जिले का रहने वाला मो शब्बीर ने पुलिस को बताया कि कुछ दिन पहले वह पटना के गोल इंस्टीट्यूट में टेस्ट सिरीज देकर निकल रहा था। वहां पर अजीत नामक युवक ने उसे बुलाया। उसने कहा कि मेडिकल परीक्षा में बिना सेटिंग के पास होना मुश्किल है। पास होने के लिए दस लाख रुपए लगेंगे। इसके बाद अजीत ने उसका एयरटेल का सिम ले लिया। 2 मई को जमशेदपुर में सिम देने की बात कही थी। उसी दिन जमशेदपुर रेलवे स्टेशन के पास गंजी में लगे उपकरण दिए। बतौर वहां पर डेमो भी करके दिखाया। धनंजय यादव ने बताया कि पीएमसीएच में उसकी मुलाकात सुफिया से हुई थी। चिप्स और ब्लूटूथ लगी गंजी उसने ही दी थी। साथ ही बताया कि परीक्षा में पास होने के लिए दस लाख रुपए लगेंगे।

पुलिस खंगाल रही है मोबाइल नंबर्स

कॉल डिटेल्स से पुलिस मास्टर माइंड तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। पुलिस को दो कॉल्स हाथ लगे हैं। इस फर्जीवाड़ा में पुलिस को बड़े रैकेट होने का अंदेशा है। पुलिस का मानना है कि सभी सवालों का उत्तर सही कैसे मिल सकता है। कहीं न कहीं क्वेश्चन पेपर लीक हुए हैं। कोई था जो गाइड कर रहा था। पुलिस ने उक्त नंबर पर कॉल भी किया लेकिन कॉल करने के बाद कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। फिलहाल पुलिस नंबरों की जांच पड़ताल कर रही है।