द्भड्डद्वह्यद्धद्गस्त्रश्चह्वह्म : पिछले सोलह सालों से बंद पड़ी इंकैब इंडस्ट्रीज लिमिटेड (केबुल कंपनी) के अधिग्रहण मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है। इसमें आरआर केबुल, उसकी समर्पित यूनियनें समेत अन्य की सभी याचिका खारिज कर दी गई, जिसमें दिल्ली हाईकोर्ट के निर्णय पर अंगुली उठाई गई थी। आरआर केबुल समेत अन्य ने हाईकोर्ट के उस आदेश को गलत ठहराया था जिसमें कोर्ट ने टाटा स्टील को बेहतर प्रमोटर बताया था। बीते छह जनवरी को दिल्ली हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था, जिसमें आयफर-बायफर के आदेश को सही बताया गया था।

पांच मिनट चली सुनवाई

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच में सुनवाई हुई। न्यायाधीश रंजन गोगोई व प्रफुल्ल चंद्र पंत की अदालत में करीब पांच मिनट तक सुनवाई चली, जिसमें आरआर केबुल की याचिका को खारिज कर दिया गया। कोर्ट ने कहा कि बायफर अब अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज करे। रामविनोद सिंह ने कोर्ट के आदेश पर प्रसन्नता जताते हुए कंपनी प्रबंधन के कार्यो की सराहना की है। शैलेश पांडेय ने कहा कि कोर्ट के निर्देश के मुताबिक बायफर अब टाटा स्टील से मिलकर अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी करेगी।

2000 से ही बंद पड़ी है कंपनी

इंकैब इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अधिग्रहण मामले में आरआर केबुल ने पहले हाईकोर्ट में आयफर व बायफर के उस निर्णय को चुनौती दी थी, जिसमें टाटा स्टील को बेहतर प्रमोटर करार देते हुए उसे कंपनी चलाने का निर्देश दिया गया था। इसके बाद आरआर केबुल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आयफर-बायफर व दिल्ली हाईकोर्ट के निर्णय को गलत बताया था।