एमजीएम में बनेगा लैब, स्वाइन फ्लू और बर्ड फ्लू जैसी बीमारियों की भी होगी जांच

-लैब के चालू होने में लगेंगे दो साल

JAMSHEDPUR : स्वाइन फ्लू की जांच अब शहर में भी संभव हो सकेगा। इसकी तैयारी एमजीएम मेडिकल कॉलेज में जोर-शोर से चल रही है। अबतक जांच के लिए मरीजों का सैंपल दिल्ली, पूणे, कोलकाता सहित अन्य राज्यों में भेजा जाता रहा है। एमजीएम कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ। एसी अखौरी ने बताया कि जानलेवा बीमारियों का पता लगाने के लिए एमजीएम में इंटीग्रेटेड डिजीज एंड सर्विलेंस प्रोग्राम (आईडीएसपी) लैब को विकसित करने का निर्णय लिया गया है।

एमजीएम में बनेगा लैब

लैब में गंभीर रोगों के अध्ययन के अलावा वायरस में होने वाले बदलावों की पहचान भी होगी। साथ ही एक ही छत के नीचे सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसमें स्वाइन फ्लू और बर्ड फ्लू जैसी खतरनाक बीमारियों की जांच भी हो सकेगी। इस संबंध में रांची में आयोजित मीटिंग में शहर से डॉ। एसी अखौरी को शामिल किया गया था। विशेषज्ञों की मानें, तो इस लैब के चालू होने में करीब दो वर्ष लगेंगे। अत्याधुनिक तकनीक से लैस इस प्रयोगशाला के लिए एमजीएम कॉलेज में स्थान का भी चयन कर लिया गया है।

मौजूद होगी हर सुविधा

अत्याधुनिक तकनीकों से लैस इस लैब में मेडिकल रिसर्च से जुड़ी वे तमाम सुविधाएं होगी। इस लैब के बनने से एमजीएम में मेडिकल रिसर्च को तेजी से बढ़ावा मिलेगा। वर्तमान में यहां कुछ ही जांच हो पाता है। जैसे जापानी इंसेफ्लाइटिस, बैक्टीरिया, डायरिया सहित अन्य शामिल है। डॉ। एसी अखौरी ने बताया कि महामारी गंभीर बीमारियों के प्रकोप से निपटने के लिए वर्तमान में देश में दो बड़ी लेबोरेट्रीज हैं। इनमें से एक नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय नियंत्रण केंद्र और दूसरा पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान है। चूंकि दिनोंदिन बीमारियों की स्थिति गंभीर होती जा रही है। इसके कारण इन दोनों लेबोरेट्रीज पर भार बढ़ चुका है। इसी भार को कम करने के लिए एमजीएम कॉलेज में लैब को विकसित करने का निर्णय लिया गया है।