JAMSHEDPUR: यदि यहां भी भोपाल गैस कांड जैसा हादसा हो गया, तो टाटा स्टील प्रत्येक नागरिक को 5 से 15 करोड़ रुपये क्षतिपूर्ति मुआवजा देगी। टाटा स्टील ने इस आशय का पत्र पूर्वी सिंहभूम के अपर उपायुक्त को दिया है। पत्र में कहा गया है कि पब्लिक लायबिलिटी एक्ट-1991 के तहत दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को पांच करोड़ रुपये और उसकी देखभाल करने वाले (थर्ड पार्टी लायबिलिटी के तहत) को 15 करोड़ रुपये तक देने को वचनबद्ध है। पालिसी के मुताबिक इसमें कंपनी परिसर के अंदर और बाहर दूरी की कोई सीमा बाधा नहीं होगी। इसमें व्यक्ति की संख्या भी असीमित हो सकती है, लेकिन यह राशि एक जनवरी 2018 से 31 दिसंबर 2018 तक लागू होगी। सोनारी निवासी मानवाधिकार कार्यकर्ता जवाहरलाल शर्मा ने कहा कि वह इस संबंध में वर्ष 2014 से पत्राचार कर रहे हैं। जब टाटा स्टील में एलडी गैस चैंबर फटा था, तो ख्याल आया कि यहां की कंपनी में इस तरह का प्रावधान लागू है कि नहीं। उन्हें अब तक इसका जवाब कहीं से नहीं मिल रहा था। अंत में टाटा स्टील के हेड (एससीएम एंड सोसाइटीज) संजय मोहन श्रीवास्तव ने 24 अप्रैल को जिला के अपर उपायुक्त को इसका जवाब सौंपा है। अपर उपायुक्त ने सात अप्रैल को संजय मोहन श्रीवास्तव को पत्र भेजा था, जिसमें पूछा गया था कि पब्लिक लायबिलिटी इंश्योरेंस एक्ट-199म के तहत कंपनी परिसर के बाहर कितनी दूरी तक और कितने लोग आच्छादित रहेंगे।