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JAMSHEDPUR: चोर क्लोरोफॉर्म स्प्रे कर चोरी व छिन्नतई जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। सरकारी गाइडलाइन के अनुसार मरीजों का ऑपरेशन, प्रयोगशाला और प्लास्टिक मैन्यूफैक्चरिंग के लिए क्लोरोफॉर्म के इस्तेमाल का प्रावधान है। मेडिकल स्टोर, केमिकल स्टोर से चोरों को क्लोरोफार्म मिल रहा है, हलांकि इसे लेने के लिए स्वास्थ्य विभाग से लिखित अनुमति लेना जरूरी है। क्लोरोफार्म असानी से मिलने की वजह से चोरी की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं।


लग रहा सवालिया निशान

शहर के चुनिंदा केमिकल और मेडिकल स्टोर में प्रतिबंधित स्प्रे उपलब्ध है, जो आम लोगों के लिए नहीं है। ऐसे में अपराधियों तक प्रतिबंधित स्प्रे पहुंचना पुलिस प्रशासन और स्टोर संचालकों की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाता है। पुलिस कभी भी इस बिंदु को ध्यान में रखकर अनुसंधान नहीं करती है कि चोरों को स्प्रे कहां से उपलब्ध होता है। डीजे आईनेक्स्ट ने अपनी पहचान छुपाकर कुछ केमिकल स्टोर संचालकों से बात की। इस दौरान चौंकाने वाली बात सामने आई। केमिकल स्टोर संचालकों द्वारा प्रतिबंधित स्प्रे चोरों तक पहुंच रहा है।


क्लोरोफार्म के जरिए चोरी की घटनाएं

04 अक्टूबर 2017

- सोनारी के कमल चौक बी ब्लॉक, मकान नंबर 58 में रहने वाले चंदन लाल के घर पांच लाख की चोरी हुई थी। इस घटना में भी चोरों ने क्लोरोफॉर्म स्प्रे का उपयोग किया था।

-सुंदरनगर थाना क्षेत्र खुकड़ाडीह आसपास के दो घरों में स्प्रे मारकर बदमाशों ने नगदी, सोने के गहने, मोबाइल, बाइक समेत करीब नौ लाख रुपए से अधिक के समान की चोरी कर ली।

 
क्लोरोफार्म प्रतिबंधित स्प्रे है। इसका उपयोग कारखाने भी करते हैं। मेडिकल तथा केमिकल स्टोर ड्रग विभाग पूरी नजर रखता है। इसे बेचने के लिए मेडिकल स्टोर को अनुमति लेनी होती है।

-रामकुमार झा, ड्रग इंस्पेक्टर, जमशेदपुर

 

कई बार चोरों द्वारा क्लोरोफार्म का इस्तेमाल किया जाता है। यह चोरों के पास तक कैसे पहुंचता है इसकी जांच की जाएगी।

-प्रभात कुमार, सिटी एसपी, जमशेदपुर