-नागा किंग रिबेन मशांग्वा, नागपुरी मंच के राजकुमार मधु के गीतों व नगाड़ों की धुन पर नाचा गोपाल मैदान

-एमडी व ग्रुप एक्जीक्यूटिव का पारंपरिक वाद्य यंत्र देकर किया गया अभिनंदन

-हो व संथाली भाषा के कलेंडर का हुआ अनावरण

JAMSHEDPUR: टाटा स्टील प्रायोजित 'संवाद-अ ट्राइबल कनक्लेव ख्0क्भ्' की शुरुआत रविवार को बिष्टुपुर स्थित गोपाल मैदान में हुई। अब अगले चार दिनों तक यहां न सिर्फ आदिवासियों लोककलाएं देखने को मिलेंगी बल्कि जनजातीय साहित्य जगत से जुड़े बुद्धिजीवी आपस में बैठकर यह निष्कर्ष भी निकालेंगे कि कैसे आदिवासियों का विकास हो सकता है। इस बीच समारोह की पहली शाम पूरी तरह लोकनृत्यों के नाम रही। समारोह की शुरुआत थंगखुल नागा जनजाति के प्रतिनिधि और नागा लोककला के राजा के रूप में प्रसिद्ध गुरु रिबेन मशांग्वा ने प्रार्थना को लोकवादन के जरिए प्रस्तुत कर किया। उनके पारंपरिक लोकवादन को सुनकर पूरा गोपाल मैदान रोमांचित हो उठा। इनके बाद नागपुरी मंच के राजकुमार कहे जाने वाले रांची से आए लोक गायक सह झारखंड आंदोलन से जुड़े गीत लिखने वाले मधु मंसूरी ने अपनी प्रस्तुति दी। उन्होंने पारंपरिक शैली में गीत गाकर सभी को गुनगुनाने को मजबूर कर दिया। उनके ओजपूर्ण गीत को सुनकर दर्शकों में भी जोश भर गया और पूरा परिसर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजने लगा। इस बीच पंडित रघुनाथ मुर्मू के पोते भीमवार मुर्मू ने टाटा स्टील के ग्रुप एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर कौशिक चटर्जी को पारंपरिक वाद्य यंत्र 'बणम' भेंट कर उनका अभिनंदन किया। इसके बाद स्वर्गीय रामदयाल मुंडा के पुत्र इकिर गुंजन ने टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन को आदिवासियों का प्रथम वाद्य यंत्र नगाड़ा भेंट किया। इस मौके पर उपस्थित रांची स्थित केंद्रीय विवि के कुलपति डा। नंद किशोर यादव को भी मंच पर बुलाकर सम्मानित किया गया। इस क्रम में मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथियों ने मिलकर संथाली व हो भाषा में तैयार किए गए कैलेंडरों का अनावरण किया। इसके बाद बारी थी ढोल-नगाड़ा के प्रदर्शन की। मंच पर एक साथ दर्जन भर से ज्यादा नगाड़े बजने शुरू हुए तो पूरा गोपाल मैदान व आसपास का इलाका मधुर ध्वनि से गूंज उठा। पारंपरिक नृत्य कलाओं के प्रदर्शन का दौर देर शाम तक चलता रहा। इस दौरान पूरा मैदान भीड़ से भरा हुआ था।