JAMSHEDPUR: टुइलाडुंगरी गुरुद्वारा के प्रधान पद के लिए रविवार को होनेवाला चुनाव नहीं हुआ। हंगामा की आशंका को देखते हुए मौके पर भारी संख्या में फोर्स की तैनाती भी की गई थी। खुद डीएसपी विवेकानन्द ठाकुर व एक मजिस्ट्रेट मौके पर मौजूद थे। इसके बावजूद सीजीपीसी के हस्तक्षेप के बाद रविवार को होने वाले चुनाव को स्थगित कर दिया गया और बुधवार को चुनाव होने की घोषणा माइक से एलाउंस कर कर दी गई। शर्त यह रखी गई कि बुधवार को होने वाले चुनाव में बनाई गई वोटर लिस्ट में किसी तरह का कोई छेड़छाड़ नहीं होगा। वोटर लिस्ट में और कोई नाम नहीं जोड़ा जायेगा। म्ख्ख् वोटर ही प्रधान का चुनाव करेंगे। चुनाव को स्थगित कर तिथि को आगे बढ़ाने की घोषणा पर प्रत्याशी दलवीर सिंह समर्थकों ने जमकर हंगामा मचाया। टुइलाडुंगरी गुरुद्वारा के गेट पर खड़े होकर सेंट्र्ल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (सीजीपीसी) मुद्र्दाबाद के नारे लगाये गए। जिसके बाद दलवीर सिंह के समर्थक और उत्तेजित हो गए और हंगामा शुरू कर दिया। चुनाव पदाधिकारी रंजीत सिंह व प्रत्याशी दलवीर सिंह ने अपने समर्थकों को हंगामा से मना किया तो समर्थक रविवार को ही चुनाव करवाने पर अड़े रहे। काफी प्रयास के बाद दलवीर सिंह ने अपने समर्थकों को शांत करवाया, जिसके बाद मामला शांत हुआ।

डटे रहे समर्थक

चुनाव की पूरी तैयारी हो चुकी थी। सुबह 7 बजे से ही दलवीर सिंह के समर्थक चुनाव करवाने के लिए अपनी कमर कस कर बैठे थे। जिसकी जानकारी प्रत्याशी कुलदीप सिंह को नहीं हुई। जब वे गुरुद्वारा पहुंचे तो माहौल देखकर उन्होंने कहा कि पहले वोटर लिस्ट में हस्ताक्षर करवाने की बात कही गई थी, लेकिन ऐसा क्यों नहीं हुआ। जब उनकी बात किसी ने नहीं सुनी तो वे अपने समर्थकों के साथ एसडीओ के निवास शिकायत करने चले गए। एसडीओ ने कुलदीप सिंह को कहा कि मौके पर फोर्स व मजिस्ट्रेट की तैनाती कर दी गई है। चुनाव कराना है या नहीं सीजीपीसी ही तय करेगी। इस तरह सुबह 7 बजे से दोपहर क् बजे तक चुनाव की तिथि को लेकर गुरुद्वारा गेट के समक्ष हंगामा होता रहा।

मीटिंग में नहीं हुआ फैसला

गुरुद्वारा कार्यालय में सीजीपीसी के प्रधान इंद्रजीत सिंह, प्रत्याशी कुलदीप सिंह, दलवीर सिंह, चुनाव पदाधिकारी रंजीत सिंह, हरनेक सिंह, गुरमीत सिंह तोता सहित एक मजिस्ट्रेट ने संयुक्त रूप से बैठक की और कहा कि दोनों प्रत्याशियों के हस्ताक्षर वोटर लिस्ट में नहीं है और न ही प्रत्याशियों को वोटर लिस्ट ही उपलब्ध कराई गई है। इसके लिए समय देते हुए नौ जुलाई को चुनाव करवाने की बात पर सहमति बनाते हुए जब हरनेक सिंह बैठक से बाहर निकल कर गुरुद्वारा के बाहर खड़े वोटरों से चुनाव की तिथि नौ जुलाई बताई तो वोटरों ने जमकर हंगामा किया और नौ जुलाई की तिथि को मानने से इंकार कर दिया।

लाटरी से तय हुआ चुनाव का डेट

बैठक में उपस्थित लोगों ने लाटरी सिस्टम से चुनाव करवाने की घोषणा की और तीन पर्ची रखी जिसमें, सोमवार, मंगलवार और बुधवार लिखा गया था। पर्ची को हवा में उछाल कर टेबल पर गिराया गया और एक पर्ची उसमें से उठाई गई, जिसके बाद बुधवार को चुनाव होना तय हुआ।