-शहर में एक्सट्रीम हुआ अल्ट्रावायलेट रेडिएशन का लेवल

-यूवी इंडेक्स हुआ 11 प्लस, जरूरी है सन प्रोटेक्शन

JAMSHEDPUR: गर्मी का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले कुछ दिनों से शहर में गर्मी का हाल कुछ ऐसा है जैसे आसमान से आग की बारिश हो रही हो। टेंपरेचर ब्0 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है, लेकिन गर्मी के इस मौसम में बढ़ते तापमान से भी ज्यादा परेशानी की बात बढ़ता अल्ट्रा वायलेट (यूवी) रेडिएशन है। शहर में यूवी रेडिएशन खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है। डॉक्टर्स के अनुसार हाई यूवी रेडिएशन स्किन, आई और इम्यून सिस्टम से जुड़ी कई बीमारियों की वजह बन सकता है।

रहें जरा बच कर

द वेदर चैनल, मीटियोविस्टा, वेदर ऑनलाइन, एक्यू वेदर जैसी वेदर एजेंसीज के मुताबिक शहर का यूवी इंडेक्स क्क् प्लस हो चुका है, जो यूवी रेडिएशन की एक्सट्रीम कैटगरी है। वेदर ऑनलाइन, एक्यूवेदर के मुताबिक रविवार को शहर का यूवी इंडेक्स क्ख्, जबकि द वेदर चैनल, मीटियोविस्टा के अनुसार भी यूवी इंडेक्स क्क् प्लस रहा। वेदर एजेंसीज के अनुसार अगले एक वीक तक शहर का यूवी इंडेक्स क्क् प्लस ही रहने का अनुमान है। वेदर ऑनलाइन के अगले एक सप्ताह के वेदर फोरकास्ट के अनुसार 7 जून तक शहर का यूवी इंडेक्स क्ख् रहने का अनुमान है।

हो सकता है खतरनाक

यूवी रेडिएशन के लगातार एक्सोपजर स्किन, आंख और इम्यून सिस्टम के लिए बेहद नुकसानदेह साबित हो सकता है। यूवी रेडिएशन के ओवर एक्सपोजर से सनबर्न, कैटरेक्ट और आंखों से जुड़ी दूसरी बीमारियां, स्किन कैंसर, स्किन डैमेज का खतरा रहता है। यूवी एक्सपोजर से इम्यून सिस्टम पर भी असर पड़ता है। इससे इंफेक्शन का खतरा बढ़ने के साथ-साथ वैक्सिन्स का इफेक्टिवनेस कम होता है। यूवी रेडिएशन से बचने के लिए डॉक्टर लोगों को तेज धूप में निकलने से बचने, फूल स्लीव के कपड़े, सनस्क्रीन सहित अन्य सावधानियां बरतने की सलाह दे रहे हैं।

अल्ट्रावायलेट रेडिएशन के ओवरएक्सपोजर के खतरे

सनबर्न - सनबर्न शॉर्ट टर्म स्किन डैमेज का एक रूप है। इसमें स्किन लाल हो जाता है। इसमें स्किन गर्म होने, दर्द के साथ-साथ स्वेलिंग भी हो सकता है।

टैनिंग - यूवी रेडिएशन का एक्सपोजर होने पर स्किन बाल, आंख और स्किन को रंग देने वाले पिगमेंट मेलानिन के प्रोडक्शन को बढ़ाता है। मेलानिन बढ़ने से स्किन टोन डार्क होता है। इससे स्किन से जुड़ी और भी डिजीज होने की संभावना रहती है।

प्री मैच्योर स्किन एजिंग - यूवी रेडिएशन का ओवर एक्सपोजर से प्री मैच्योर स्किन एजिंग की भी वजह बनता है। इसमें स्किन में रिंकल, डार्क स्पॉट्स, हार्डेनिंग, इलास्टिसिटी कम होना जैसे समस्याएं होती हैं।

स्किन कैंसर - यूवी रेडिएशन का ओवर एक्सपोजर स्किन कैंसर की भी वजह बन सकता है।

फोटोकेराटाइटिस - यूवी रे के ज्यादा एक्सपोजर से आंखों में टेंपररी इंज्यूरी (फोटोकेराटाइटिस) हो सकता है। इससे आंखों में दर्द, आखों में बालू जैसा महसूस होना, विजन कम होना, आईलिड्स का सूजना जैसे लक्षण होते हैं।

कैटरेक्ट्स - यूवी एक्सपोजर से कैटरेक्ट्स की संभावना भी बढ़ती है।

इम्यून सिस्टम सप्रेशन - यूवी रेडिएशन का ओवर एक्सपोजर शरीर के इम्यून सिस्टम के प्रॉपर फंक्शनिंग को सप्रेस कर सकता है। इससे इंफेक्शन का खतरा बढ़ता है।

कैसे करें बचाव

-तेज धूप में निकलते वक्त हल्के रंग के फुल स्लीव कपड़े, हैट से खुद को अच्छी तरह से कवर करें। यूवी प्रोटेक्टेड सनग्लासेज का इस्तेमाल करें

- धूप में अगर किसी व्यक्ति की परछाई उसकी हाइट से छोटी हो तो सावधानी बरतनी चाहिए, परछाई जितनी छोटी होगी सनबर्न होने की आशंका उतनी ज्यादा होगी।

-सुबह क्क् बजे से शाम ब् बजे तक धूप में निकलने से बचना चाहिए।

-यूवी इंडेक्स फ् या इससे ज्यादा होने पर सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। अच्छे यूवी प्रोटेक्शन के लिए क्भ् या उससे ज्यादा सन प्रोटेक्शन फैक्टर (एसपीएफ) वाले सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें।

क्या है यूवी इंडेक्स?

यूवी इंडेक्स सर्फेस पर पहुंचाने वाले यूवी रेडिएशन के लेवल को बताता है। यह जीरो से शुरू होता है। यूवी इंडेक्स जितना अधिक हो स्किन और आंख के डैमेज होने की संभावना उतनी ज्यादा रहती है।

यूवी इंडेक्स कैटगरी

0-ख् लो

फ्-भ् मॉडरेट

म्-7 हाई

8-क्0 वेरी हाई

क्क् प्लस एक्सट्रीम

व‌र्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक 0 से ख् यूवी इंडेक्स होने पर किसी तरह का खतरा नहीं है। इसमे किसी तरह के प्रोटेक्शन की जरूरत नहीं है। फ् से 7 यूवी इंडेक्शन रहने पर प्रोटेक्शन आवश्यक है। इसमें खुद को कवर करना, सनस्क्रीन, सन ग्लासेज का इस्तेमाल जरूरी है। यूवी इंडेक्स म् से 7 रहने पर दिन में क्क् से ब् बजे तक धूप में रहने के समय को कम करना चाहिए। 8 से क्0 यूवी इंडेक्स रहने पर दिन में क्क् से ब् बजे के बीच धूप में निकलने के साथ-साथ अन्य सावधानियां बरतनी जरूरी हैं। यूवी इंडेक्स क्क् प्लस रहने पर क्क् से ब् बजे तक धूप में निकलने से बचने का साथ-साथ सन प्रोटेक्शन के लिए अन्य सावधानियां बरतनी जरूरी हैं।

यूवी रेडिएशन के ओवर एक्सपोजर से कई तरह की बीमारियों का खतरा रहता है। सनबर्न, टैनिंग के साथ-साथ इससे स्किन और आंख से जुड़ी कई समस्याएं होती हैं। इससे बचाव के लिए दिन के समय तेज धूप में निकलने से बचना जरूरी है, साथ ही धूप में निकलते वक्त फुल स्लिव वाले कपड़े पहनना और दूसरी सावधानियां बरतना जरूरी है।

-डॉ निर्मल कुमार, एचओडी, मेडिसिन डिपार्टमेंट, एमजीएम मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल

यूवी रेडिएशन का ओवर एक्सपोजर बेहद नुकसानदेह है। इससे स्किन, आंख से जुड़ी समस्याओं के साथ-साथ और भी कई तरह की बीमारियों का खतरा रहता है। इससे बचाव के लिए धूप में निकलते वक्त खुद को अच्छी तरह से कवर करना, सनस्क्रीन, यूवी प्रोटेक्टेड सनग्लासेज जैसे सन प्रोटेक्शन के उपाय जरूरी हैं।

-डॉ अशोक कुमार, फिजिशियन