-मौन है हेल्थ डिपार्टमेंट

-तीन माह पूर्व टीम गठित, लेकिन अबतक नहीं हुआ एक भी केंद्र का जांच

JAMSHEDPUR: कोख में बेटियों की हत्या करने वाले बेखौफ हैं। उन्हें पकड़ने के लिए हेल्थ डिपार्टमेंट का छापामार दल कार्रवाई नहीं कर रहा है। जबकि इसके लिए विभाग की ओर से तीन अलग-अलग टीम गठित की गई है। हकीकत यह है कि जब से टीम का गठन हुआ है, तब से एक भी अल्ट्रासाउंड केंद्रों की जांच नहीं हुई है। नतीजा कुछ अल्ट्रासाउंड सेंटर्स के संचालक नियम की धज्जियां उड़ा रहे हैं और विभाग मौन बना हुआ है। विभाग द्वारा कई बार चेतावनी दिए जाने के बावजूद भी कुछ संचालकों द्वारा लगातार लापरवाही बरती जा रही है। जबकि प्रति माह रिपोर्ट जमा करने होते हैं। वहीं तीन माह पूर्व गठित टीम को सख्त निर्देश के बावजूद भी वह सुस्त पड़े हुए हैं।

ब्भ् ने नहीं जमा की रिपोर्ट

ईस्ट सिंहभूम में क्ख्भ् अल्ट्रासाउंड सेंटर्स है। इनमें अब तक 80 ने ही रिपोर्ट जमा किया है। बाकि बचे ब्भ् अल्ट्रासाउंड सेंटर्स के संचालकों ने रिपोर्ट सबमिट नहीं किया है। यह लापरवाही सिर्फ इसी माह नहीं, बल्कि बीते कई वर्षो से चलता आ रहा है। इसके कारण निदेशालय को भी रिपोर्ट आधे-अधूरा ही भेजा जाता रहा है। जानकारी के मुताबिक शहर के कुछ अल्ट्रासाउंड सेंटर्स पर कन्या भू्रण हत्या का खेल तेजी से चल रहा है, जबकि यह कानून अपराध है। इसके खिलाफ उचित कार्रवाई का भी प्रावधान है, लेकिन टीम द्वारा कोई पहल नहीं की जा रही है।

क्या है पीसीपीएनडीटी एक्ट?

पीसीपीएनडीटी एक्ट भ्रूण हत्या पर रोक लगाने के लिए बनाया गया है। इसका उद्देश्य अल्ट्रासाउंड सेंटर्स पर अवैध रूप से होने वाली भ्रूण जांच पर रोक लगाना है। इसके लिए जिला स्तर पर सिविल सर्जन के नेतृत्व में सलाहकार समिति बनाई गई है। इसमें एक नोडल पदाधिकारी के साथ ही शिशुरोग विशेषज्ञ, स्त्री रोग विशेषज्ञ, वकील और समाजसेवी संगठन के सदस्य शामिल हैं।

क्या है नियम?

रूल्स के मुताबिक हर अल्ट्रासाउंड सेंटर को हर महीने अपने यहां होने वाले अल्ट्रासाउंड की पूरी रिपोर्ट पीसीपीएनडीटी सलाहकार समिति के पास जमा करानी होती है। रिपोर्ट जमा नहीं कराने की स्थिति में अल्ट्रासाउंड सेंटर का निबंधन रद्द करने के साथ ही उसे सील करने का प्रावधान है। वहीं भ्रूण जांच के साक्ष्य मिलने की स्थिति में संचालक पर केस किया जाता है।

गलत ढंग से अल्ट्रासाउंड केंद्र संचालित करने वालों की जानकारी नहीं है। अगर ऐसा है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए टीम गठित की गई है, जल्दी ही बड़े पैमाने पर जांच अभियान चलाए जाएंगे। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

- डॉ। एसके झा, सिविल सर्जन, ईस्ट सिंहभूम