जमशेदपुर : स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के तहत अनलॉक-1 के पहले दिन गुरुवार को सड़क से बाजार तक भीड़ दिखी। सड़क पर कार-बाइक की सुबह से दोपहर तक लाइन लगी रही। ऐसा लगा मानों अब किसी को पुलिस का डर ही नहीं रहा। शहर के चौक-चौराहों पर पुलिस तैनात थी, लेकिन मास्क व हेलमेट चे¨कग तक ही सीमित रही।

वाहनों की लगी कतार

ई-पास से छूट मिलने का असर दिख रहा था। सड़क पर वाहनों की कतार लगी रही, जो करीब डेढ़ माह से बंद थी। मानगो, साकची, बिष्टुपुर, गोलमुरी, बारीडीह, कदमा-सोनारी आदि इलाकों के बाजार में ऐसी भीड़ दिखी, जैसे लॉकडाउन से पूरी तरह आजादी मिल गई हो।

जमशेदपुर समेत झारखंड के नौ जिलों में पूर्व की भांति प्रतिबंध रहने से मुख्य बाजारों में कपड़े, जूते-चप्पल, कास्मेटिक्स व गहने की बड़ी दुकानें तो बंद रहीं, लेकिन गलियों में इन सब चीजों की दुकानें सजी थीं। फुटपाथ पर भी ये सामान धड़ल्ले से बिक रहे थे। जिला प्रशासन व नगर निकाय के अधिकारी पुलिस बल के साथ बाजार में घूम रहे थे। फुटपाथ पर कपड़े या चप्पल बेचने वाले पुलिस को देखकर इधर से उधर भाग रहे थे। बर्तन की दुकानों पर खासी भीड़ रही। वहीं पूजा के सामान और वैनिटी बैग खरीदने के लिए भी महिलाएं काफी संख्या में आ रही थीं। फुटपाथ पर गहने छोड़कर लगभग सभी सामान बिक रहे थे। सब्जी बाजार में भी हर दिन की तरह सुबह से दोपहर तक भीड़ लगी रही। साकची व मानगो समेत कुछ बाजार में भी कपड़े, जूते-चप्पल व गहने की कुछ दुकानों में पिछले दरवाजे से ग्राहकों को सामान दिए जा रहे थे। जिन दुकानों के पास पिछला दरवाजा नहीं था, उन्होंने दुकान बंद रखी थी। हालांकि इनके कारोबारियों में निराशा का माहौल है। इनका कहना है कि छोटे-छोटे कई दुकानदार चोरी-छिपे सामान बेच रहे हैं, लेकिन अधिकतर ऐसा नहीं कर रहे हैं। उन्हें इसका नुकसान उठाना पड़ रहा है।

संघ फैसले से नाराज

जमशेदपुर थोक वस्त्र विक्रेता संघ के पूर्व उपाध्यक्ष व सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के सचिव (पीआरडब्लू)अनिल मोदी ने इसमें जमशेदपुर को शामिल नहीं करने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि कपड़ा जीवन की तीन मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है। सरकार लगातार कपड़ा व्यापारियों के साथ अन्याय कर रही है। पिछले लॉकडाउन में भी सबसे अंत में वस्त्र व्यापारियों को मौका दिया गया था। इस बार लगन और ईद के समय भी वस्त्र व्यापारियों को दोहरा नुकसान हुआ है। वस्त्र व्यापारियों की कमर टूट चुकी है। उनका अस्तित्व खतरे में है। इस व्यवसाय से न सिर्फ दुकानदार, बल्कि उनके कर्मचारियों के परिवार व हजारों की संख्या में फेरी लगाकर माल बेचने से जुड़े हैं। इन सभी का जीवनयापन दूभर हो गया है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि कपड़ा दुकानों को भी खोलने की अनुमति दी जाए। सभी कपड़ा व्यापारी कोविड गाइडलाइन के तहत नियमों को मानते हुए ही अपनीं दुकानें खोलेंगे।

लॉकडाउन के पहले 15 दिन हमने अपने कारीगरों को कुछ न कुछ काम देते रहे लेकिन जब बिक्री ही बंद रहेगी तो नए आभूषण भी नहीं बना सकते। शहर में 450 से 500 छोटे दुकानदार हैं जिनकी स्थिति और विकट हो चुकी है। हमारी सरकार से मांग है कि दूसरे संस्थानों की तरह हमें भी अपने प्रतिष्ठान खोलने की अनुमति दें क्योंकि अभी शादी-विवाह का सीजन भी नहीं है जिससे दुकानों में भीड़ हो। लेकिन छोटे दुकानदारों के जीवनयापन के लिए दुकान खोलना जरूरी है।

-विपिन भाई अडेसरा, अध्यक्ष, जमशेदपुर ज्वेलर्स एसोसिएशन

कोविड 19 का संक्रमण अभी कम नहीं हुआ है। कोरोना पर नियंत्रण पाने के लिए एहतियात जरूरी है, सरकार जो निर्णय ले उसका हम अनुपालन करेंगे।

-तुषार सरकार, जीएम, श्रीलेदर्स