जमशेदपुर (ब्यूरो): गोविंदपुर स्टेशन से लेकर खासमहल तक जर्जर सडक़ के कारण क्षेत्र के लोग काफी परेशान हैं। स्थिति ऐसी है कि बारिश के दिनों में इस जर्जर सडक़ से लोगों का गुजरना मुश्किल हो रहा है। अभी बारिश का मौसम है और ऐसे में लोगों को इस जर्जर सडक़ पर आने-जाने में काफी परेशानी हो रही है। यह तो हुई बरसात के दिनों की बात, लेकिन आम दिनों में भी इस सडक़ पर बारिश के मौसम जैसी ही स्थिति बनी रहती है।

लोग हो रहे गोलबंद

स्थिति यह है कि परेशान लोग अब गोलबंद होने लगे हैं। लोगों ने संकेत दिया कि समय रहते यदि जर्जर सडक़ को लेकर संज्ञान नहीं लिया गया, तो चुनाव बहिष्कार से लेकर जनप्रतिनिधियों के विरुद्ध हल्ला बोल भी होगा। लोगों ने कि कहा तमाम क्षेत्रों की सडक़ें बन रही है फिर यह क्षेत्र क्यों उपेक्षित है?

जगह-जगह गड्ढे

लोगों ने कहा कि सडक़ पर बने जगह-जगह गड्ढे विकास की दास्तां बयां करने के लिए काफी हैं। यहां सालों भर सडक़ पर पानी जमा रहता है। बरसात के दिनों में सडक़ पर बने विभिन्न पुलियाओं पर ओवरफ्लो होकर पानी बहता है, जिससे आवागमन प्रभावित रहता है। लोगों ने कहा कि इस बार लूट की सडक़ नहीं बनने देंगे। उनका कहना है कि बड़ी कंपनियां सडक़ बनाए वरना गुणवत्ता से समझौता होने की गुंजाइश है।

कोर्ट जाने की तैयारी

स्थानीय लोगों का कहना है कि चुनाव पूर्व पक्की नाली, पुल-पुलिया और कालीकरण युक्त सडक़ जो महज 5 किलो मीटर है के निर्माण को लेकर सांसद, विधायक ईमानदारी से पहल करें वरना चुनाव में इसका विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। लोगों ने कहा कि जुस्को जैसी कंपनी से सडक़ का निर्माण कराया जाना चाहिए और छुटभैया ठेकेदारों को सडक़ निर्माण से दूर रखने पर जोर दिया जाना चाहिए, क्योंकि ऐसे लोग ही लूट का सडक़ तैयार करते है। स्थानीय दीपक कुमार ने कहा कि जरूरत पडऩे पर कोर्ट भी जाएंगे।

सडक़ की दयनीय स्थिति आखिर कौन देखेगा? हम रोड टैक्स किस बात का देते हैं। 15 सालों की एकमुश्त राशि रोड टैक्स के नाम पर सरकार वाहन चालकों से वसूलती है, और बदले में जानलेवा सडक़ है। यह सेवा में त्रुटि नहीं तो क्या है? गोविंदपुर रेलवे स्टेशन से लेकर टाटानगर तक भाया सलगाझरी-मखदुमपुर सडक़ का अविलंब निर्माण होना चाहिए।

-अरूपानंद महतो, गदड़ा

सडक़ को लेकर अब तक ठोस पहल नहीं हुई है। आज भी सडक़ पर पानी के पाइप लाइन का लिकेज ज्यों का त्यों है। पेयजल विभाग और पथ निर्माण विभाग के अधिकारियों को समन्वय बनाकर अविलंब गुणवत्ता युक्त सडक़ का निर्माण शुरू किया जाना चाहिए। लोगों का धैर्य अब जवाब दे चुका है। जोजोबेड़ा, बारीडीह और खखरीपाड़ा की तर्ज पर कालीकरण वाला सडक़ का निर्माण होना चाहिए।

घनश्याम पांडेय, राहरगोड़ा

बारिश के दिनों में पैदल चलना खतरों से खाली नहीं है। हर दिन लोग इन सडक़ों पर दुर्घटना के शिकार होते हैं। पहले पानी का पाइप बिछाने के लिए पीसीसी सडक़ को खोदा गया, फिर बिजली का केबल बिछाने के लिए सडक़ को खोदा गया। लोगों ने पानी और बिजली की बेहतर आपूर्ति के चक्कर में सडक़ भी खो दी। आज इन क्षेत्रों में न सडक़ है, न अबाधित बिजली और न पानी।

दीपक कुमार, बामनगोड़ा