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JAMSHEDPUR: मार्च में ही गोविंदपुर में पानी की किल्लत ने दस्तक दे दी है। 70 हजार के आबादी वाले गोविंदपुर इलाके के लोगों को हर साल पानी की समस्या का सामना करना पड़ता है। बोरिंग फेल होने लगे हैं, कई जगहों पर चापाकल खराब है, लोग दूर-दराज के क्षेत्रों से पीने का पानी से मंगवा रहे हैं।

20 मिनट मिलता है पानी

लोगों ने बताया कि छोटा गोविंदपुर हाउसिंग कॉलोनी में एक हजार घर हैं। 1972 से यहां हाउसिंग बोर्ड टेल्को द्वारा पानी की सप्लाई की जा रही है। पानी दिन में बस एक बार आता है, वह भी 10 या फिर 20 मिनट के लिए। कुछ जगहों पर पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण, पानी आने का टाइम भी निर्धारित नहीं है। स्थानीय लोगों के मुताबिक कुछ हाउसिंग कॉलोनी जैसे जनता फ्लैट, सिंगल क्वाटर में पानी की सप्लाई टेल्को नहीं करती है, यहां के लोग पानी खरीदने के लिए मजबूर हैं। जनता फ्लैट तथा सिंगल क्वाटर में छह बोरिंग हैं, जिनसे करीबन 120 घरों को पानी मिलता है। पानी के लिए महिने में 600 रुपए तक खर्च करने पड़ते हैं।

तालाबों का हाल बुरा

तालाबों में अतिक्रमण कर लिया गया गया है। ये गर्मी के दस्तक देने से पहले ही सूख गए हैं। राम जानकी सरोवर, गोविंदपुर तलाब, खखरी पाड़ा तालाब सूखने के कगार पर हैं। कुछ तलाब काफी गंदे हैं। इनके पानी का इस्तेमाल लोग नहीं करते हैं।

कंपनी के टैंकर का सहारा

पीने पानी के लिए स्थानीय कंपनी के टैंकर का भी सहारा रहता है। गर्मी के दिनों में टाटा पावर, लफार्ज (अब न्यूविको), स्टील स्ट्रिप्स कंपनी की ओर से एक-एक टैंकर पूरे एरिया में पेयजल की आपूर्ति की जाती है। टैंकर के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति थाना से होती है, क्योंकि कहीं विवाद ना हो। पहले थाने के में टैंकर आता है। इसके बाद थाना से टैंकर को पूरे इलाके में घुमाया जाता है।

400 फीट तक पानी नहीं

गोविंदपुर के रांची रोड, गिट्टी मशीन, साईं मंदिर, तीन तल्ला, सुभाष नगर में हर दूसरा चापाकल खराब है। इसकी सुध यहां के जनप्रतिनिधि भी नहीं लेते हैं। थाने में लगा चापाकल भी ख्रराब है। गोविंदपुर थाना प्रभारी राजेश रंजन ने बताया थाने में जनप्रतिनिधि द्वारा यहां आने वाले फरियादी को पानी की दिक्कत ना हो इसलिए चापाकल लगया गया था, थाना का चापाकल खराब है। इसे बनाने के लिए जनप्रतिनिधि को भी कहा गया है, पर कोई सुनता ही नहीं है। गोविंदपुर में ज्यादातर चापाकल खराब है। स्थानीय लोगों के मुताबिक पानी का लेयर 270 फीट नीचे है, लेकिन कई इलाकों में 400 फीट नीचे भी पानी नहीं मिलता है।

मई-जून से होगी सप्लाई

गोविंदपुर में नीर निर्मल योजना के तहत पानी के पाइपलाइन बिछाने का काम लगभग पूरा हो गया है। डीसी अमित कुमार के अनुसार इस साल के मई-जून में गोविंदपुर वासियों को सप्लाई पानी की सौगात मिल जाएगी।

गर्मी आते ही गोविंदपुर में पानी की किल्लत शुरू हो जाती है। गोविंदपुर के लगभग सारे चापाकल हैं। 50 बार हैंडल चलाने के बाद ही पानी निकलता है। हमने देवनगर में चंदा जुटा कर चापाकल बनाया था, यहां के जनप्रतिनिधि से शिकायत करने पर वे पीएचइडी विभाग जाकर नल ठीक कराने का आवेदन देने के लिए कहते हैं। हमारी तो कोई नहीं सुनता

-कामता सिंह, स्थानीय

सिंगल क्वाटर एरिया में सारे चापाकल खराब हैं। इन्हें ठीक कराने के लिए हमने कई बार आवेदन भी दिया, लेकिन कई हमारी फरियाद नहं सुन रहा है। गर्मी आते ही गोविंदपुर में पानी संकट काफी बढ़ जाता है। कुएं इत्यादि भी यहां के सूखने लगे हैं।

जीपी सिंह, स्थानीय

पानी का टैंकर की सप्लाई भी सही ढंग से नहीं होती है। इतनी बड़ी जनसंख्या के लिए टैंकर से पानी की पर्याप्त सप्लाई नहीं होती है। बहुत से लोगों को पानी नहीं मिलता है। कई इलाकों में पानी का टैंकर जाता भी नहीं है।

महेश्वरी राय, स्थानीय

गोविंदपुर में जल स्तर काफी नीचे चला गया है। कूंए सूख गए हैं। तीन तल्ला के पास भी एक कुआं सूख गया है। पानी नहीं आने पर यह कुआं ही हमलोगों का सहारा होता था, लेकिन यह गर्मी के दस्तक से पहले सूख गया है।

आकाश कुमार, स्थानीय