छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: शहर में वाटर लेवल पाताल पहुंच गया है। हर साल पानी का संकट गहराता जा रहा है। शहर के विभिन्न इलाकों में वाटर लेवल 200 से 350 फीट तक पहुंच गया है। जानकार इसकी वजह वाटर हार्वेस्टिंग के प्रति शहर के लोगों में जागरूकता को बता रहे हैं। शहर में भूमि हार्ड एवं पथरीली होने के कारण डीप बोरिंग होती है। शहर के कई इलाकों का पानी दूषित और खारा होने के कारण लोग सप्लाई वाटर का इस्तेमाल करते हैं। जमीन से निकलने वाले पानी का उपयोग कपड़ा धोने, बर्तन मांजने और नहाने आदि के लिये किया जा सकता है। बोरिंग से निकलने वाले पानी का प्रयोग व्यापारिक कार्यो में भी किया जाता है। लगातार जमीनी पानी के हो रहे दोहन और जल संचयन के तरीके का प्रयोग न करने और जल के अंधाधुंध दोहन के दुष्परिणाम हमारे सामने है।

जानकारी का अभाव

शहर में वाटर हार्वेस्टिंग के बारे में लोगों को जानकारी नहीं है। शहर में जमशेदपुर नोटिफाइड एरिया कमिटी (जेएनएसी), मानगो नोटिफाइड एरिया कमिटी (एमएनएसी) और जुगसलाई नगरपालिका भवन निर्माण में भी वाटर हार्वेस्टिंग टैंक बनाने के लिए जागरूक नहीं कर पा रहे हैं। एमएनएसी के स्पेशल आफिसर राजेंद्र प्रसाद गुप्ता ने बताया कि एरिया में लोगों में वाटर हार्वेस्टिंग की जानकारी नहीं है। शहर में वाटर लेबल की समस्या को देखते हुए लोगों में जागरूकता आ रही है। उन्होंने बताया कि नए भवन के नक्शे में वाटर हार्वेस्टिंग टैंक को जोड़ा जा रहा है। जिससे आने वाले समय में घरों में वाटर टैंक बनाकर बारिश के पानी को स्टोर किया जाएगा।

अधिकारी नहीं ले रहे रुचि

जहां एक ओर देश में पानी के सरंक्षण के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रोग्राम बनाए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर शहर में अधिकारी वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर संजीदा नहीं हैं। इस वजह से इस दिशा में कोई खास काम नहीं हो पा रहा है। बता दें कि जुगसलाई इलाके में हजारों की संख्या में फ्लैट सोसायटी बिना वाटर हारवेस्टिंग टैंक के ही बनाए जा रहे हैं। एमएनएसी में भी नए बिल्डिंगों में भी वाटर हार्वेस्टिंग टैंक नहीं बनाए जा रहे हैं। जिससे शहर का वाटर लेबल मेंटेन नहीं हो पा रहा हैं।

जेएनएसी ने 50 प्रतिष्ठानों को जारी किया नोटिस

शहर में वाटर हार्वेस्टिंग टैंक न बनाने वाले 70 से ज्यादा प्रतिष्ठानों को जेएनएसी ने नोटिस जारी कर टैंक नहीं बनाने का कारण पूछा है। जेएनएसी के स्पेशल अफसर संजय कुमार पांडेय ने बताया कि भवन नक्शे में ही टैंक बनाने का प्रावधान है। भवन निर्माण व नक्शा विभाग को आदेश जारी कर एकल मकानों में भी टैंक की अनिवार्यता कर दी गई अगर कोई टैंक नहीं बनाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में 70 प्रतिष्ठानों की जांच कर उनके मालिकों के खिलाफ नोटिस जारी की गई है। उन्होंने बताया कि सभी होटल, सोसायटी, फ्लैट, कम्यूनिटी हॉल के साथ एकल घरों को दो माह का समय देकर टैंक बनवाने के आदेश दिया गया है।

विभिन्न इलाकों का वाटर लेवल

एरिया गहराई

मानगो 220

जुगसलाई 200

कदमा 250

सोनारी 220

साकची 250

बिष्टुपुर 290

परसुडीह 150

बर्मामाइंस 260

गाविंगदपुर 180

टेल्को 240

राहरगोड़ा 150

बिरसानगर 140

एग्रिको 190

सिदगोड़ा 160

गोलमुरी 220

बागबेड़ा 300

(गहराई फीट में)

शहर में लोगों को वाटर हार्वेस्टिंग के प्रति जागरूक करने के साथ ही तीनों निकायों को आदेश दिया गया है कि नक्शा निर्माण के समय ही वाटर हारवेस्टिंग टैंक बनाना अनिवार्य है। अगर जमीन का मालिक ऐसा नहीं करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

-माधवी मिश्रा, एसडीओ, जमशेदपुर