JAMSHEDPUR: लौहनगरी से तालाबों का अस्तित्व धीरे-धीरे मिटता जा रहा हैं। जिले में कभी तीन सैकड़ा से ज्यादा तालाब अब दहाई के अंक में सिमट कर रह गए हैं। इसका परिणाम यह कि शहर के कई क्षेत्रों में वाटर लेबल 300 फीट से भी नीचे पहुंच गया हैं। शहर में नदियों के जल का अंधाधुंध हो रहे दोहन से शहर में पीने की पानी की भी समस्या हो रही हैं। शहर में बड़ी से लेकर छोटी कंपनियां भी नदियों के पानी का उपयोग करती हैं।

गंदगी से पटे पड़े तालाब

जल संरक्षण के लिए संरक्षित और नए बनाये गए तालाब गंदगी से पटे पड़े हैं। तालाबों में गंदगी डालने के कारण पानी दूषित हो रहा हैं। नेशनल हाइवे से सटे बने पुराने तालाब में साल भर वर्षा का जल भरा रहता है। सोसायटी और आस पास में रहने वाले लोग तालाब किनारे कूड़ा डालकर उसे दूषित कर रहे हैं। नेशनल हाइवे से सटा होने और सूनसान का फायदा उठाकर लोग गंदगी फैला रहे है।

तालाबों से उड़ रही धूल

शहर में नरेगा योजना के अंतर्गत बनाएं गए तालाबों में पानी न होने से धूल उड़ रही हैं। शहर के बाहर पोटका, पटमदा, घाटशिला, गुड़ाबांधा, मुसाबनी, धालभूमगढ़, चाकुलिया, बहरागोड़ा आदि ब्लॉकों में बने तालाबों में धूल उड़ रहे हैं। बता दें कि नरेगा के तहत ब्लॉक में तालाबों की खुदाई कर उसमें पानी भरवाना हैं। जिले के इन ब्लॉकों में तालाब तो खोद दिए गए हैं, लेकिन इसमें पानी नहीं भरवाया गया है। इसके परिणामस्वरूप सरकार का वाटर हारवेस्टिंग के प्लान फेल हो जा रहा है।

अवैध कब्जे में खत्म हुए तालाब

शहर के तालाबों में लोग अवैध कब्जा कर रहे हैं। जिससे तालाबों का अस्तित्व धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा हैं। शहर में स्थित तालाबों में हाथी चिघार, जलकंदरी और गंदगी का अंबार लगा हुआ हैं। अवैध कब्जे के चलते तालाब सिकुड़ कर तलैया का रूप ले चुके हैं। तेजी से हो रहे व्यवसायीकरण के चलते तालाब भेंट चढ़ते चले जा रहे हैं।

चुप है प्रशासन

जिले में गिरते जल का कारण प्रशासनिक उदासीनता है। प्रशासन की ओर से व्यवस्था में समुचित ध्यान देने के कारण ही अवैध निर्माण, तालाबों में गंदगी और देहात के तालाबों में पानी की जगह धूल उड़ रही हैं। योजना मद में आई हुई रकम का समुचित प्रयोग नहीं कर रहे इससे वाटर हारवेस्टिंग नहीं हो पा रही है।

मनरेगा योजना के तहत बने सभी तालाबों में तत्काल प्रभाव से पानी भरवाया जाएगा। शहर में पुराने तालाबों को चिन्हित कर उन्हें संरक्षित करवाया जाएगा। वहीं, तालाब में गंदगी फेंकने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

माधवी मिश्रा, एसडीओ, धालभूमगढ़