छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : युगांतर भारती के द्वारा 13 दिसंबर से 20 दिसंबर तक चलने वाले कार्यक्रम 'जल स्त्रोत स्वच्छता अभियान' का शुभारंभ सोनारी दोमुहानी के पास स्थित शहीद गंगा नारायण सिंह सामुदायिक भावन रविवार को किया गया। युगांतर भारती के वरिष्ठ सदस्य मनोज कुमार सिंह, जमशेदपुर के पर्यावरणविद् डॉ केके शर्मा, सेन्ट्रल युनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ कविता परमार, सुबोध श्रीवास्तव, भाजपा के जिला महामंत्री मुकुल मिश्रा ने संयुक्त रूप से दीप प्रच्वलित कर इसका उद्घाटन किया। कार्यक्रम में मनोज कुमार सिंह ने कहा कि झारखंड में नदी, तलाब, कुएं और झरने, खनन गतिविधियों उद्यौगिक कचड़े और शहर के जल-मल के कारण अत्यंत प्रदूषित और जहरीले हो चुके हैं। दामोदर, स्वर्णरेखा, खरकई जैसी नदियों का वजूद खतरे में है। जल स्त्रोतों के संरक्षण और उन्हें प्रदूषण मुक्त कराने हेतु युगांतर भारती के नेतृत्व में 2004 में दामोदर बचाओ आंदोलन शुरू किया गया था।

पीने का पानी सीमित

जानेमाने पक्षी विशेषज्ञ डॉ केके शर्मा ने कहा कि धरती पर तीन चौथाई पानी होने के बाद भी पीने योग्य मात्रा सीमित है। विश्व के डेढ़ अरब लोगों को पीने का शुद्ध पानी नहीं मिल रहा है। समय आ गया है जल स्त्रोतों की स्वच्छता के बारे में गंभीरता से काम हो।

20 को रांची में कार्यक्रम

20 दिसंबर को रांची के सिदरौल स्थित युगांतर भारती परिसर में प्रदेश स्तरीय पर्यावरण पंचायत का आयोजन किया गया है जिसमें पर्यावरणविद्य प्रबुद्धजन, समाजसेवी, पर्यावरण एक्टिविस्ट सहित शोद्धार्थी छात्र एवं युवायों को इस पंचायत में आने का आमांत्रण भेजा जा चुका है। इस कार्यक्रम में आस-पास के लोगों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया तथा यह संकल्प किया कि वे अपनी पुरी कोशिश से अपने आस-पास की जल स्त्रोतों की सफाई बनाए रखने का प्रयास करेंगे तथा समय-समय पर संस्था को जल स्त्रोतों की सफाई में हर संभव मदद करते रहेंगे। इस कार्यक्रम का संचालन मुकुल मिश्रा, विषय प्रवेश सुबोध श्रीवास्तव, धन्यवाद ज्ञापन सुखदेव सिंह ने किया तथा डॉ कविता ने भी अपने विचार व्यक्त किए।