जमशेदपुर (ब्यूरो): जुगसलाई श्री राजस्थान शिव मंदिर में चल रहे सप्ताह व्यापी श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन गुरुवार को गौ भक्त डॉ। संजीव कृष्ण ठाकुर ने भजनों के साथ भगवान कपिल-मां देवहुति संवाद, भक्त ध्रुव चरित्र एवं वामन भगवान कथा के प्रसंग का व्याख्यान किया। तीसरे दिन की कथा में श्रद्धालुओं ने भगवान के मंगलमय पावन चरित्रों (जीवंत झांकियों) का आस्वादन किया गया।

राजा बलि से सीख

श्री वामन भगवान चरित्र कथा में महाराज श्री ने बताया कि हम संपत्ति के होल्डर हैं मालिक नहीं। जो संपत्ति आज हमारी है, वो पहले किसी और की थी और आगे भी किसी और की ही हो जाने वाली है। प्रभु कृपा से ही संपत्ति प्राप्त होती है और जब कभी प्रभु कृपा से अवसर प्राप्त हो, तो अपनी संपत्ति को प्रभु का प्रसाद जानकर यथा संभव सेवा एवं पारमार्थिक यज्ञों में अवश्य आहूत करनी चाहिए। यही सीख राजा बलि की कथा से हमें प्राप्त होती है, जिसमें राजा बलि ने तन, मन व धन भगवान के चरणों में अर्पित कर दिया था।

भगवान हरते हैं कष्ट

इसके बाद भक्त ध्रुव चरित्र की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि इस कलयुग में सिर्फ भगवान का नाम लेने से मनुष्य के सारे कष्ट खत्म हो जाते हैं। ध्रुव की भक्ति के आगे भगवान विष्णु को प्रकट होना पड़ा था। भक्त अगर सीधे मन से ईश्वर की उपासना करता है, तो ईश्वर उसकी मनोकामना पूरी करने पर मजबूर हो जाते हैं।

साधु के लक्षण

युवा कथावाचक ने माता देवहूति व भगवान कपिल देव के संवाद को सुनाया। उन्होंने कहा कि एक साधु के क्या लक्षण होते हैं, श्रीमद्भागवत कथा सुनने से पता चलता है। उन्होंने कहा कि आज के समय में बहुत से लोग साधु बनकर लोगों को धोखा देते हैं। कहा कि श्रीमद्भागवत महापुराण में साधु के जो लक्षण लिखे हैं, उन्हीं से साधारण व्यक्ति को भी पता चल जाएगा कि सच्चा साधु हमेशा सहनशील, दयावान, क्षमाशील, दूसरे के दुख को देखकर दुखी होता है।

कथा विश्राम के बाद यजमान गढ़वाल परिवार (थोई निवासी राजस्थान) ने व्यासपीठ की आरती उतारी। मालीराम और घनश्याम दास गढ़वाल परिवार द्वारा आयोजित भागवत कथा में भक्तों की भीड़ लगातार बढ़ रही है। चौथे दिन शुक्रवार को श्री कृष्ण जन्मोत्सव कथा का प्रसंग होगा।