छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: उलीडीह थाना अंतर्गत शंकोसाई रोड एक निवासी महिला को बुधवार को झोलाछाप द्वारा इंजेक्शन देने से मौत हो गई। महिला के मुंह से झाग आने पर आरोपी झोलाछाप डॉक्टर ने महिला को टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) में भर्ती कराने कहा जहां पहुंचते ही डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने आरोपी झोलाछाप के खिलाफ उलीडीह थाने में एफआईआर दर्ज कराया है।

यह है पूरा मामला

शंकोसाई के रोड एक के श्यामनगर कृष्णा पथ की रहने वाली मृतक अकली गोराई (45) के पति गोकुल गोराई ने बताया कि बुधवार रात पत्‍‌नी के शरीर में तेज दर्द हुआ। इसके बाद वे अपनी पत्नी को पड़ोस में लाइफ केयर मेडिकल स्टोर में बैठने वाले छोलाछाप प्रमोद कुमार के पास ले गए। जांच के बाद छोलाछाप डॉक्टर प्रमोद ने अकली को तीन इंजेक्शन लगा दिए और एक सादे कागज पर दवा लिख दिया। दो-तीन घंटे के बाद अकली की हालत बिगड़ने लगी और उसके मुंह से झाग निकलने लगा। इसकी सूचना उन्होंने छोलाछाप डॉक्टर प्रमोद कुमार को दी। इसके बाद प्रमोद कुमार ने अकली को टीएमएच ले जाने को कहा। उन्होंने बताया कि टीएमएच में जांच के बाद डाक्टरों ने पत्‍‌नी को मृत घोषित कर दिया।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद कार्रवाई

गमगीन परिजनों ने मेडिकल स्टोर संचालक छोलाछाप डॉक्टर प्रमोद कुमार के खिलाफ उलीडीह थाने में हैवीडोज का इंजेक्शन लगाने से महिला की मौत का मुकदमा दर्ज कराया है। मामले पर उलीडीह थाना प्रभारी ने बताया कि छोलाछाप डॉक्टर प्रमोद के खिलाफ थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

सुरक्षा न मिलने पर ठंडे बस्ते में पड़ी जांच

जिले में झोलाछाप द्वारा मरीजों की जान से खिलवाड़ करने से रोकने के लिए बनाई गई टीम के सदस्यों को सुरक्षा न मिलने के चलते जांच ठंडे बस्ते में डाल दी गई थी। जिले के निरीक्षण में आई स्वास्थ्य सचिव निधि खरे ने जिले में छोलाछाप को चिह्नित कर उनके खिलाफ क्लिनिकल स्टैबलिसमेंट एक्ट के तहत मामला दर्ज करने का आदेश दिया था। जुलाई में सिविल सर्जन माहेश्वर प्रसाद ने जिला याक्ष्मा पदाधिकारी डॉ एके लाल, आरसीएच पदाधिकारी डॉ साहिर पॉल और जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी डॉ बीएन ऊषा को जांच और कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इस संबंध में डा। एके लाल ने बताया कि टीम को सुरक्षा न मिलने और दी गई लिस्ट में पता न होने के चलते जांच सम्पन्न नहीं हो सकी थी। उन्होंने बताया कि मानगो में एक नर्सिग होम की जांच के बाद कार्रवाई नहीं की गई।

पहले भी हुई है घटना

10 नवंबर : परसुडीह में 2 माह के बच्चे की गलत इंजेक्शन लगाने से हुई थी मौत।

12 सिंतबर : चौका की रहनेवाली नमिता (23) की इंजेक्शन लगाने से हुई थी मौत।