रांची (ब्यूरो) । यूएस पॉलीक्लिनिक, कचहरी चौक डिप्टीपाड़ा रोड में विश्व ऑटिज्म जागरुकता दिवस के अवसर पर चिकित्सा शिविर लगाया गया। कार्यक्रम का उद्घााटन बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी एवं यूएस पॉलीक्लिनिक के मुख्य चिकित्सा निदेशक डॉ उमाशंकर वर्मा ने किया।

मौके पर डॉक्टर यू एस वर्मा ने ऑटिज्म से ग्रसित 15 ब'चों की जांच की तथा निशुल्क दवा दिया। इनमें महेश कुमार उम्र 13 वर्ष कांके, नव्या उम्र 5 वर्ष रांची, आराध्या उम्र 3 वर्ष, आयुष उम्र 3 वर्ष में ऑटि'म के सभी उग्र लक्षण मौजूद थे।

इलाज आसान नहीं

मौके पर डॉक्टर वर्मा ने सभी को सुझाव दिया की इस बीमारी का इलाज आसान नहीं है, परंतु सावधानीपूर्वक होम्योपैथिक दवा से इलाज कराने पर सुधार सब में हो जाएगा और कुछ लोग अपने पांव पर खड़े हो कर अपना कार्य शुरू कर सकेंगे। जो भी रोगी कुछ समय तक तत्परता के साथ इलाज कराते रहे उन सभी में लाभ देखा गया है। डॉ वर्मा से सलाह के लिए विश्वविद्यालय के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर यूएस वर्मा के मोबाइल संख्या 9835167743 पर संपर्क किया जा सकता है या यू एस पॉलीक्लिनिक कचहरी चौक, रांची में संपर्क किया जा सकता है।

न्यूरो डेवलपमेंटल डिसऑर्डर

वहीं शिविर यूएस पॉलीक्लिनिक के मनोज वर्मा, अभिषेक कुमार, दीपा वर्मा, कृष्णा श्रीवास्तव, कैशीला देवी, सरस्वती कुमारी, गीता कुमारी, उर्मिला एका, डॉक्टर सुचित्रा सिन्हा, डॉक्टर प्रेम प्रकाश वर्मा एवं अन्य 102 व्यक्ति शामिल हुए। मौके पर डॉक्टर वर्मा ने बताया कि ऑटि'म स्पेक्ट्रम जागरूकता दिवस मनाने का निर्णय संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2 अप्रैल 2007 लिया था। उन्होंने बताया कि ऑटिज्म एक न्यूरो डेवलपमेंटल डिसऑर्डर है, इस व्याधि से ग्रसित ब'चे ना अपनी बात दूसरे से सही तरीके से कह पाते हैं ना दूसरे के बातों को समझ पाते हंै और ना उस से संवाद स्थापित कर पाते हैं।

दवाएं सफल हैं

डॉ वर्मा ने बताया कि अंग्रेजी दवाओं में विटामिंस मिनरल्स के साथ-साथ रेसिपीडोन, तथा कुछ अन्य दवाएं दी जाती हंै। होम्योपैथिक दवाइयां अत्यंत सफल पाई गई हैं, जिसमें यूवी 0 29 गोल्ड, यूवी 0 25 गोल्ड, बेलाडोना, जेलसिमियम, हेलीबोरस, इग्नेशिया, लाइकोपोडियम, कैलकेरिया कार्ब, काली फॉस, काली ब्रोम, सेलेनियम, कैमोमिला इत्यादि दवाइयां सर्वाधिक सफल होते देखी गई है।