रांची (ब्यूरो)। 15 साल का इंतजार खत्म हो गया है। जी हां, बहुप्रतिक्षित ट्रांसपोर्ट नगर व आईएसबीटी का काम शुरू हो गया है। ट्रांसपोर्ट नगर का निर्माण कार्य शुरू हुआ है। वहीं, आईएसबीटी के लिए भी टेंडर जारी कर दिया गया है। बीते करीब 15 साल से इन दोनों प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है लेकिन हर बार किसी न किसी कारण से यह टलता रहा है। रांची के सुकरहुटू में ट्रांसपोर्ट नगर का निर्माण कराया जा रहा है, जबकि कांके स्थित दुबलिया में आईएसबीटी यानी इंटरस्टेट बस टर्मिनल का निर्माण कार्य भी जल्द शुरू होने वाला है। जुडको ने इस संबंध में टेंडर जारी कर किया है। आईएसबीटी बनने के बाद राजधानी रांची में लगने वाले जाम से काफी हद तक निजात मिल जाएगी। क्योंकि सारी बसें यहीं से संचालित होनी शुरू हो जाएंगी। इन योजनाओं में करीब दो सौ करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। ट्रांसपोर्ट नगर में व्यावसायिक गतिविधियां चलेंगी, जबकि बस स्टैंड का निर्माण होने के बाद रांची में अलग-अलग स्थानों से बस खुलने की परेशानी खत्म हो जाएगी। यह अंतराष्ट्रीय स्तर का बस स्टैंड होगा। जहां सारी आधुनिक फैसिलिटीज मौजूद होंगी।

40 एकड़ में ट्रांसपोर्ट नगर

राज्य गठन के बाद से ही ट्रांसपोर्ट नगर की जरूरत महसूस हो रही थी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर जुडको ने ट्रांसपोर्ट नगर का काम शुरू कराया है। सुकरहुटू से पहले इसे पंडरा बाजार में बनाने की योजना थी। लेकिन वहां होने वाले विरोध को देखते हुए इसे सुकरहुटू में शिफ्ट कर दिया गया। दो साल में ट्रांसपोर्ट नगर बनकर तैयार हो जाएगा। इसके निर्माण से शहर में भारी वाहनों की यातायात संबंधी समस्याओं से निजात मिलेगी। सुकरहुटू में करीब 40.68 एकड़ जमीन पर ट्रांसपोर्ट नगर बनाया जा रहा है। ट्रांसपोर्ट नगर के निर्माण पर 113.24 करोड़ रुपए की लागत आएगी। यहां 424 वाहनों के ठहराव की व्यवस्था रहेगी। इसमें बड़े 93, मध्यम 190 और छोटे 141 वाहन शामिल हैं।

2008 से बन रही थी योजना

ट्रांसपोर्ट नगर की योजना 15 साल पहले 2008 में ही बनी थी। लेकिन इसके शुरू होने में 15 साल का लंबा समय लग गया। अब भी इसके सुचारु रूप से शुरू होने में दो साल का इंतजार करना पड़ेगा। यहां एक एकीकृत भवन बनेगा, जिसमें अन्य सुविधाएं रहेंगी। विभिन्न संस्थानों के लिए 16 ऑफिस बनेंगे। चालक एवं उप चालक सहित अन्य लोगों के विश्राम के लिए 180 बेड वाले डोरमेट्री की व्यवस्था रहेगी। 150 लोगों के बैठने की क्षमता का फूड कोर्ट भी होगा। साथ ही 17 खुदरा दुकानें भी बनाई जाएंगी। सुरक्षा के लिए पुलिस चौकी का निर्माण कराया जाएगा। इसके अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, मेडिकल स्टोर, टॉयलेट समेत अन्य सुविधाएं भी मौजूद रहेंगी। वहीं, ट्रांसपोर्ट नगर में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के साथ दो वेयर हाउस का भी निर्माण कराया जाना है। सारी चीजें यहां व्यवस्थित रहेंगी। भविष्य की जरूरतों को देखते हुए इसका निर्माण कराया जा रहा है। आईडेक द्वारा तैयार डिजाइन को केएमबी कंपनी मूर्त रूप दे रही है।

38 एकड़ में आईएसबीटी

राजधानी रांची में बहुत जल्द इंटरनेशनल लेवल का इंटर स्टेट बस टर्मिनल देखने को मिलेगा। हालांकि इस योजना पर भी बीते कई वर्षों से काम चल रहा है। लेकिन अब जाकर काम शुरू होने की सुगबुगाहट तेज हुई है। आईएसबीटी के निर्माण के लिए जुडको ने टेंडर निकाल दिया है। इसके बिल्डिंग वर्क के लिए 30 जनवरी तक टेंडर मांगा गया है। टेंडर वैल्यू 3.18 करोड़ रुपए है। 38 एकड़ जमीन पर बनने वाले इस बस टर्मिनल में कई अत्याधुनिक फैसिलिटीज होंगी। आईएसबीटी का निर्माण पीपीपी मोड पर किया जाएगा। यहां से हर दिन 500 से ज्यादा बसें परिचालित की जाएंगी। एप्रोच रोड बनाए जाने के बाद रिंग रोड से भी आईएसबीटी को जोड़ दिया जाएगा। यहां एक बार में 170 बसें खड़ी हो सकेंगी। 350 यात्रियों के लिए वेटिंग प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा। हॉस्टल, टॉयलेट, फूड कोर्ट का भी निर्माण कराया जाएगा।

सिटी को जाम से मिलेगी निजात

अलग-अलग शहरों से आने वाली बड़ी-बड़ी बसें इस आईएसबीटी में ठहरेंगी। शहरी क्षेत्र के बाहर बसों का ठहराव होने से शहर में लगने वाले जाम की समस्या से निजात मिल सकेगी। साथ ही शहर वासियों को डीजल इंजन वाले वाहनों से निकलने वाले जहरीले धुएं से छुटकारा मिल सकेगा। फिलहाल रांची में कांटा टोली बस स्टैंड, स्टेशन रोड स्थित सरकारी बस डिपो, धुर्वा बस स्टैंड, आईटीआई, चांदनी चौक, रातू रोड समेत अन्य स्थानों से बसें परिचालित हो रही हैं। नए टर्मिनल के बनने से रांची के इन बस टर्मिनल्स पर वाहनों का दबाव कम हो जाएगा। यह बस स्टैंड शहर के बीचोंबीच हैं, इस कारण हर दिन जाम लगता है।