रांची (ब्यूरो)। राजधानी रांची क्राइम सिटी बनी हुई है। यहां लगातार मर्डर और लूटकांड ने सिटी की छवि बिगाड़ कर रख दी है। इन दिनों फिर एक बार जमीन कारोबारी निशाने पर हैं। राज्य अलग होने के बाद से ही जमीन विवाद यहां की बड़ी समस्या बन कर सामने आई है। कई लोगों की जान चली गई। इस साल भी महज पांच महीने में राजधानी रांची में 46 मर्डर हुए हैं, जिसमें 18 हत्याएं जमीन कारोबारियों की हुई हैं। राजधानी रांची में इन दिनों जमीन विवाद हर हिस्से में देखा जा रहा है। कहीं अवैध तरीके से जमीन हड़पने का मामला है तो कहीं जमीन पर रहने वाले लोगों को डरा-धमका कर कब्जा किया जा रहा है। बीच में कोई आवाज उठाता है तो उसकी जुबान हमेशा के लिए बंद कर दी जाती है। जमीन विवाद में मारपीट से लेकर हत्याएं तक हो रही हैं।

क्रिमिनल्स आउट ऑफ कंट्रोल

पुलिस ने पहले भी माफियाओं की लिस्टिंग करवाई थी। इसके बाद भी क्राइम कंट्रोल पर कोई खास असर नहीं पड़ा। क्रिमिनल्स आज भी बेधड़क कांड को अंजाम दे रहे हैं। इसका सबसे ताजा उदाहरण राजधानी के बड़े जमीन कारोबारी कमल भूषण की हत्या है। हालांकि इस मर्डर केस में परिवारिक विवाद सामने आ रहा है। रांची में जमीन विवाद को लेकर हर महीने हत्याएं हो रही हैं। रांची पुलिस इसे रोकने में फेल है। पुलिस का काम सिर्फ अपराध का अनुसंधान और अपराधियों को पकडऩे तक ही सीमित रह गया है। क्राइम पर ब्रेक लगाने में सिटी पुलिस विफल साबित हो रही है।

हर चौथा मर्डर जमीन विवाद में

राजधानी में हर चौथी हत्या जमीन विवाद को लेकर की जा रही है। दो वर्षों में रांची में 347 मर्डर हुए जिनमें 96 हत्याएं जमीन विवाद को लेकर हुईं। वहीं इस साल अबतक 46 मर्डर के मामले सामने आए हैं जिनमें 18 जमीन कारोबारी हैं। इसके अलावा जमीन विवाद से जुड़े मामलों में भी लोगों की हत्या की गई हैं। जमीन के इस धंधे में सफेदपोश भी बड़ी संख्या में शामिल हैं। कुछ दिन पहले वार्ड पार्षद के पति की हत्या भी जमीन विवाद में ही की गई थी। वहीं शिबू सोरेन के आवास के समीप हुआ गैंगवार के पीछे भी जमीन विवाद ही सामने आया था।

माफिया व अपराधी में गठजोड़

रांची में जमीन माफिया और अपराधियों का गठजोड़ सक्रिय है। इससे आए दिन जमीन विवाद को लेकर लोगों को जान गंवानी पड़ रही है। रांची पुलिस इन अपराधियों पर नकेल कसने में नाकाम साबित हो रही है। स्थिति यह है कि पिछले दो महीने के भीतर राजधानी में कई हत्याएं हुई हैं। राजधानी में जमीन को लेकर खून खराबे के पीछे सबसे बड़ी वजह जमीन के धंधे में बड़े अपराधियों का शामिल होना है। अपराधियों ने जमीन के धंधे को अपना पेशा बना लिया है। हर छोटे बड़े अपराधी अब जमीन के धंधे में पांव पसार रहे हैं। कुख्यात अपराधी से लेकर छुटभैये अपराधी जेल से छूट कर सीधे जमीन के धंधे में जुड़ रहे हैं। रांची के रातू, मांडर, नगड़ी, हटिया, नामकुम और चान्हो में कई अपराधियों के जमीन के प्रोजेक्ट चल रहे हैं।

हाल में हुईं हत्याएं

28 मार्च: रांची के बरियातू इलाके में एक बुजुर्ग महिला की जमीन विवाद में गोली मारकर हत्या कर दी गई।

25 अप्रैल : कांके में जमीन कारोबारी पंचम लोहरा पर अपराधियों ने की फायरिंग।

22 अप्रैल : जमीन विवाद में मुन्ना सिंह पर हमला, अपराधियों ने मारी गोली

16 अप्रैल: हिंदपीढ़ी निवासी जमीन कारोबारी रिंकू खान की गोली मार कर हत्या।

14 अप्रैल: चान्हो में जमीन विवाद में भतीजे ने चाचा की हत्या कर दी।