रांची(ब्यूरो)। राजधानी समेत राज्य भर के जेल की सुरक्षा पर सवाल उठते रहते हंै। अक्सर जेल से रंगदारी, फिरौती और लेवी मांगने की शिकायतें सामने आती रहती हैं। सिर्फ रांची का होटवार जेल ही नहीं, बल्कि स्टेट के सभी जेलों की यही कहानी है। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि जब भी पुलिस-प्रशासन की टीम यहां छापेमारी करती है तो उन्हें खाली हाथ ही लौटना पड़ता है। हाल के दिनों में भी राजधानी रांची स्थित सेंट्रल जेल होटवार में जब छापेमारी हुई, पुलिस को कुछ भी ऐसा नहीं मिला जिससे जेल की सुरक्षा पर सवाल उठता है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि छापेमारी में कुछ नहीं निकलने वाले जेल से रंगदारी और फिरौती मांगने का खेल कैसे चल रहा है। दरअसल, रांची सहित झारखंड की तमाम जेलों में कुख्यात गैंगस्टर्स बंद हैं। जेल से ही ये अपराधी मोबाइल फोन का भी इस्तेमाल कर रहे हैं, यह जग जाहिर है। लेकिन प्रशासन को यहां मोबाइल फोन तो क्या कुछ भी आपत्तिजनक सामग्री बरामद नहीं होते हैं।

प्रशासन की टीम के हाथ खाली

छापेमारी के दौरान कभी कभार खैनी और गुटखा बरामद करने में पुलिस सफल रहती है। जबकि जेलों में बंद रहकर भी ये अपराधी रंगदारी वसूलने का काम कर रहे हैं। इतना ही नहीं, वो जेल से हत्याओं की साजिश भी रच रहे हैं। कई बड़े अपराधी जेल के अंदर से ही मोबाइल फोन के सहारे अपने गुर्गों के सहयोग से आपराधिक वारदातों को अंजाम दिलवाते हैं। कई हत्या और रंगदारी की वारदातें सिटी में घटित हुई हैं, जिसके तार जेल के अंदर बंद अपराधियों से जुड़े हुए पाए गए हैं।

अरेस्ट क्रिमिनल कर रहे खुलासे

कुछ दिनों पहले ही रांची पुलिस ने अमन साहू गिरोह के प्रमोद सिंह और अमजद को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में प्रमोद ने खुद ही इस बात को स्वीकार किया है कि जेल में बंद चंदन साव जेल से ही उसे फोन कर क्राइम के इंस्ट्रक्शन दिया करता था। किससे रंगदारी मांगनी है, किसे धमकाना है इसका निर्देश उसे जेल से ही फोन पर मिलता था। प्रमोद ने बताया कि मयंक सिंह उर्फ सुनील सिंह मीना और पलामू जेल में बंद अमन साहू ने ओरमांझी में भारत माला सड़क निर्माण कंपनी को व्हाट्सएप कॉल और मैसेज कर जान से मारने की धमकी दी थी। उनसे 50 लाख रुपए प्रोटेक्शन मनी की मांग करने को भी कहा गया था। उसी के इशारे पर भारत माला प्रोजेक्ट से जुड़ी कंपनी को धमकी दी गई थी।

हाल के दिनों में जेल से हुए कांड

-हजारीबाग के बड़कागांव स्थित एनटीपीसी कोल परियोजना चट्टी में कोयला उत्खनन का काम कर रही ऋत्विक कंपनी के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर शरद कुमार की हत्या कर दी गयी थी। इस हत्या की साजिश वेस्ट बंगाल की कोलकाता जेल, दुमका सेंट्रल जेल और हजारीबाग सेंट्रल जेल में अप्रैल माह में बनी थी।

- रांची के जमीन कारोबारी कमल भूषण के अकाउंटेंट संजय सिंह की हत्या की साजिश भी जेल में बंद डबलू कुजूर और राहुल कुजूर ने रची थी। जेल से साजिश रची गई है, इस बात खुलासा का भी हो चुका है।

- रांची के बरियातू थाना क्षेत्र स्थित एदलहातु के टोंटे चौक स्थित अखड़ा में देर शाम बिट्टू खान उर्फ तनवीर आलम की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। इस हत्याकांड की साजिश बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में बंद राज वर्मा ने रची थी।

- सरायकेला स्थित आदित्यपुर मुस्लिम बस्ती के फिरोज अंसारी की हत्या मुस्तफा अंसारी ने कराई थी। मुस्तफा अंसारी ने अपने पिता साबिर हुसैन की हत्या का बदला लेने के लिए घाघीडीह सेंट्रल जेल में बंद अपनी बुआ ड्रग पेडलर डॉली परवीन के साथ मिलकर साजिश रची थी।