रांची (ब्यूरो) । राजधानी रांची में अपराधियों का दुस्साहस कम होने का नाम नहीं ले रहा है। एक मामला सुलझता नहीं है कि दूसरा कांड हो जाता है। मर्डर, चोरी, लूट हर दिन सिटी में हो रही है। ताजा मामला आठ वर्षीय शौर्य का है जिसे बिना किसी गलती के ही मौत के घाट उतार दिया गया है। मर्डर के ऐसे दर्जनों मामले हैं जो आज भी मिस्ट्री बने हुए हैं। ऐसे ही कुछ बड़े मामलों को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट एक कैंपेन के तहत प्रकाशित करने जा रहा है, ताकि लोगों के जेहन से ऐसे मामले न निकलें और कानून को भी याद रहे कि विक्टिम फैमिली को इंसाफ दिलवाना है। इसी कड़ी में पहले दिन पेश है अग्रवाल बंधु हत्याकांड, जिसके चार साल बीत गए तीन-तीन एसआईटी का गठन किया गया। फिर भी डबल मर्डर मिस्ट्री बनी हुई है। हत्याकांड का किंगपिन एके सिंह आज भी पुलिस गिरफ्त से दूर है।

रिश्तेदारों तक ही पहुंची एसआईटी

6 मार्च 2019 को अरगोड़ा थाना क्षेत्र के अशोक नगर में दो सगे भाइयों हेमंत और महेंद्र अग्रवाल की हत्या को रांची पुलिस भूल गई। क्योंकि हत्याकांड के लगभग चार साल बाद भी इसके मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी और एमके सिंह को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी है। रांची पुलिस ने दोनों मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए तीन-तीन एसआइटी का गठन उसी दिन कर दिया था। लेकिन यह सब अबतक सिर्फ दिखावा ही साबित हुआ है। तत्कालीन सिटी एसपी सुजाता वीणापाणि के नेतृत्व में एसआईटी गठित करके छापेमारी की गई थी। लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात। दोनों मुख्य आरोपियों का लोकेशन तक पुलिस पता नहीं लगा पाई। सिर्फ इनके रिश्तेदारों के घरों तक पहुंचकर लौट आई।

लोकेश ने खुद किया सरेंडर

पुलिस ने लोकेश चौधरी के ड्राइवर शंकर को और बॉडीगार्ड सुनील सिंह को तो गिरफ्तार किया। लेकिन मुख्य आरोपी तक नहीं पहुंच सकी। एक अन्य बॉडीगार्ड धर्मेंद्र तिवारी ने कोर्ट में सरेंडर किया था। दोनों बॉडीगार्ड ने खुलासा किया था कि पैसे को लेकर दोनों भाइयों की हत्या लोकेश चौधरी व एमके सिंह ने की थी। लेकिन रकम कितनी थी, आजतक इसका खुलासा नहीं हो सका। कभी चुनाव, कभी किसी अन्य बहाना से मामले को लटकाते रहा गया। रांची के पॉश इलाके अशोक नगर में दिन दहाड़े यह घटना घटी थी। पुलिस तो उस तक नहीं पहुंच सकी, लेकिन कुछ दिनों बाद लोकेश ने खुद ही पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था।

कुर्की भी हुई थी

अग्रवाल बंधु हत्याकांड के ठीक एक महीने बाद पुलिस ने फरार चल रहे लोकेश चौधरी और एमके सिंह के घर कुर्की-जब्ती की थी। पुलिस दोनों के घरो से हर जरूरी सामान अपने साथ उठा ले गई। लोकेश के घर से काफी सामान जब्त किया गया था। कुर्की जब्ती के लिए दस मजदूर व थाने के करीब 15 पुलिसकर्मी लगे थे। इधर, एमके सिंह के घर पर भी चार मजदूर सहित दो कारपेंटर की मदद से घर का सामान खाली कराया गया। लेकिन अब भी पुलिस यह खुलासा नहीं कर पाई की अग्रवाल बंधु की हत्या क्यों की गई थी।

क्या है मामला

6 मार्च 2019 की शाम अशोक नगर रोड नंबर एक स्थित साधना न्यूज चैनल के बंद पड़े कार्यालय में व्यवसायी हेमंत अग्रवाल व उनके सगे भाई महेंद्र अग्रवाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कांड को अंजाम देने के बाद लोकेश जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के कचनार टोली स्थित वसुंधरा अपार्टमेंट पहुंचा था, वहां से पत्नी व ब'चों को लेकर सीधे बिहार भाग गया। जानकारी के मुताबिक, यह हत्या रुपए हड़पने के लिए की गई थी। इसका खुलासा लोकेश चौधरी के बॉडीगार्ड सुनील सिंह ने पकड़े जाने के बाद किया था। दोनों भाइयों की हत्या के बाद लोकेश, एमके सिंह और उनके दोनों बॉडीगार्ड सीसीटीवी फुटेज की डीवीआर लेकर भाग गए थे।

अग्रवाल बंधु मामले में मुख्य आरोपी सलाखों के पीछे है। इस मामले को चार साल से अधिक का समय बीत चुका है, उस समय चार्ज किसी और के हाथ में था।

-विनोद कुमार सिंह, थाना प्रभारी, अरगोड़ा