रांची (ब्यूरो) । राजधानी के सेल सिटी में मौजूद लगभग 5 हजार उपभोक्ताओं ने बिजली विभाग से सब्सिडी नहीं मिलने पर गुहार लगाई है। उपभोक्ताओं ने बताया कि सेल सिटी मे लगभग 2500 फ्लैट है और लगभग 5 हजार लोग रहते हैं। पर कशिश डेवलपर द्वारा पिछले 13 वर्षों से उपभोक्ताओं को जेबीवीएनएल के जगह पर सेल सिटी का बिजली बिल थमा दिया जा रहा है। उपभोक्ताओं ने इस मामले को झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग की जन सुनवाई में भी उठाया है। इसके बाद भी मामले पर विभाग कोई संज्ञान नहीं ले रहा है। उपभोक्ताओं ने कहा कि सरकार द्वारा पूरे राज्यभर में सभी उपभोक्ताओं को 100 यूनिट से कम बिजली प्रयोग करने पर मुफ्त बिजली देने का वादा किया है पर यह लाभ सेल सिटी के लोगों को नही मिल रही है। जबकि बिजली कितना भी जलाने पर उपभोक्ताओं ने सेल सिटी प्रबंधक 800-1000 रुपये महीने बिजली बिल का शूल्क वसूलता है।
कनेक्ट है 2500 मीटर
एक सेंट्रलाइज मीटर से लगभग 2500 मीटर कनेक्ट किये हुए है। यह लोकल स्तर के बिजली के मीटर है। उपभोक्ताओं का कहना है कि कई बिजली के मीटर खराब हो चुके है। जिसके कारण उपभोक्ताओं को बिजली बिल अधिक आ रहा है। साथ ही शहर में बिजली विभाग द्वारा स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का काम चल रहा है। पर सेल सिटी में स्मार्ट प्रीपेड मीटर नही लगने से भी उपभोक्ता नराज है। प्रत्येक उपभोक्ता से 6 की दर से बिजली बिल वसूला जा रहा है।
क्या कहते हंै सोसाईटी के लोग
सेल सिटी में 2013 से लोकल स्तर के बिजली के मीटर प्रबंधक द्वारा लगाए गए है। कई बिजली के मीटर खराब हो चुके है। हमें सब्सिडी का लाभ नही मिल रहा है। जबकि 6 रुपये के दर से प्रबंधक हमसे बिजली बिल ले रहा है।
-- अमन तिवारी, सेल सिटी निवासी

सब्सिडी नही मिलने का मामले जन सुनवाई तक पहुंचा है। पर प्रबंधक पर कोई एक्शन नही लिया गया है। मीटर खराब हो चुका है, जिसे बदलने में प्रबंधक का कोई रूचि नही है। सेल सिटी में स्मार्ट मीटर लगे।
पीके केसरी, सेल सिटी निवासी

-- क्या कहते है बिजली विभाग

सेल सिटी में एचटी कनेक्शन लिया गया है। इसके बाद प्रबंधक द्वारा मेन मीटर से सब मीटर पर कनेक्शन दिया गया है। उसके एवज में पैसे वसूल रहा है। यह मामला विभाग के संज्ञान में आया है। जांच के बाद कुछ कहा जा सकता है।
-- पीके श्रीवास्तव, जीएम बिजली विभाग, रांची