रांची (ब्यूरो): अब जिन पेरेंट्स ने अस्प्ताल से आने के बाद बर्थ सर्टिफिकेट नहीं बनवाया है, वो परेशान हैं। उनको समय पर प्रमाण पत्र मिल नहीं रहा है। अस्पताल में जन्म लेने के 21 दिन के अंदर सर्टिफिकेट बनवाने पर समय नहीं लग रहा है, लेकिन बाद में बनवाने वालों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।

प्रॉसेस हुआ जटिल

लोग सर्टिफिकेट बनवाने के लिए नगर निगम पहुंच रहे हैं। लेकिन सिस्टम के जटिल प्रॉसेस के कारण लोगों को बर्थ सर्टिफिकेट बनवाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। नए नियम के बाद यह परेशानी और ज्यादा बढ़ गई है। पहले जहां बर्थ सर्टिफिकेट के लिए गवाही देने की जरूरत नहीं पड़ती थी। लेकिन अब बर्थ सर्टिफिकेट के लिए भी गवाही मांगी जा रही है। इससे आम लोगों की समस्या बढ़ गई है। लोगों का कहना है कि बर्थ सर्टिफिकेट जरूरी डॉक्यूमेंट है, स्कूल में एडमिशन से लेकर हर तरह के शैक्षणिक और नियोजन में इसकी जरूरत पड़ती है। ऐसे में सर्टिफिकेट बनाने की प्रक्रिया सरल होनी चाहिए, ताकि आसानी से और कम समय में सर्टिफिकेट बन जाए।

बर्थ के तीन हफ्ते में परेशानी नहीं

बच्चे का जन्म होने के 21 दिनों के अंदर बर्थ सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई करने पर 'यादा ताम-झाम की जरूरत नहीं पड़ती है। आवेदन करने पर सिर्फ हॉस्पिटल पेपर के आधार पर प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है। लेकिन 21 दिनों के बाद बर्थ सर्टिफिकेट के लिए आवेदन के साथ हॉस्पिटल पेपर, ऐफि डेविट, घोषणा पत्र, मजिस्ट्रेट गवाही के अलावा दो और लोगों की गवाही की जरूरत पड़ती है। पड़ोस के दो लोगों के आधार कार्ड का फोटो कापी देना पड़ता है। पड़ोसियों का आधार कार्ड देने में आवेदकों को परेशानी हो रही है। कई लोग हैं जो अपना आधार कार्ड देना नहीं चाहते हैैं। इस कारण लोगों को प्रमाण पत्र बनवाने में दिक्कत हो रही है।

400 आवेदन पेंडिंग

वर्तमान में आवेदनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ज्यादातर आवेदन एसडीओ ऑफिस में ही पेंडिंग हैं। क्योंकि पड़ोसियों की गवाही एसडीओ ऑफिस में ही मांगी जाती है। सारा पेपर ओके होने पर गवाही और मजिस्ट्रेट के हस्ताक्षर के बाद आवेदन नगर निगम में भेजा जाता है। पेपर में कमी नहीं होने की स्थिति में नगर निगम से प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है। जानकारी के अनुसार, एसडीओ कार्यालय में एक हजार से ज्यादा अप्लीकेशन पेंडिंग हैैं। वहीं नगर निगम में भी लगभग सौ आवेदन पेंडिंग हैं। निगम के रजिस्ट्रार का कहना है कि नगर निगम में बर्थ सर्टिफिकेट के हर दिन लगभग सौ आवेदन आते हैं। पेपर सही होने की वजह से आवेदन हफ्ते भर में पास कर दिया जाता है। पेपर की कमी होने के कारण एसडीओ ऑफिस में ही आवेदन रुक जाता हैै।