रांची(ब्यूरो)। देश के 500 शहरों में जलापूर्ति और अन्य शहरी संसाधनों को मजबूती प्रदान करने के लिए हाल ही में लांच अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन(अमृत) 2.0 के लिए झारखंड सरकार की शत प्रतिशत योजनाओं को केन्द्र सरकार ने स्वीकृति दे दी है। पहले चरण में कुल छह राज्यों ने प्रस्ताव भेजा था, जिसमें झरखंड पहला राज्य है जिसकी सभी योजनाओं को सबसे पहले स्वीकृति मिली है। इन योजनाओं की स्वीकृति से प्रदेश के 16 नगर निकायों में जलापूर्ति व्यवस्था दुरुस्त होगी। इसके साथ ही सात अमृत सिटी में अपशिष्ट जल प्रबंधन के क्षेत्र में भी कार्य तेज हो सकेगा।

सीएम के मार्गदर्शन में बना प्रस्ताव

अमृत 2.0 के लिए राज्य सरकार की ओर से भेजी जानेवाली योजनाओं के चयन के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के मार्गदर्शन में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय उच्च शक्ति प्राप्त संचालन समिति का गठन किया गया है। इसी समिति ने योजनाओं को ग्रीन सिग्नल दिया था, जिसके बाद केन्द्र के पास भेजा गया था। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शहरी क्षेत्र के हर घर तक टैप वाटर से पेयजलापूर्ति को लेकर बेहद संवेदनशील हैं और यही वजह है कि हर घर में लगलेवाले मीटर कनेक्शन को पहले ही नि:शुल्क कर दिया गया है। राज्य सरकार की ओर से नियंत्रित मात्रा में जल उपयोग करनेवाले परिवार को नि: शुल्क जलापूर्ति की घोषणा पहले ही की जा चुकी है, चाहे वो वाटर कनेक्शन किसी भी योजना के तहत मिला हो।

विभागीय सचिव खुद कर रहे मॉनिटरिंग

योजनाओं की स्वीकृति से लेकर प्रगति तक की मॉनिटरिंग राज्य के नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे खुद कर रहे हैं। उन्होंने राज्य शहरी विकास अभिकरण के निदेशक अमित कुमार को इससे संबंधित आवश्यक निर्देश और मार्गदर्शन दिया है।

इन नगर निकायों को सीधे लाभ

अमृत 2.0 के तहत लाभान्वित होनेवाले नगर निकायों में रामगढ़, सिमडेगा, लोहरदगा, गुमला, जामताड़ा, बरहरवा, बड़कीसरइया, बचरा, छत्तरपुर, हरिहरगंज, वंशीधर, धनवार, महगामा, डोमचांच, कपाली,विश्रामपुर शामिल हैं।

झारखंड में अमृत 2.0 के लक्ष्य

शहरी क्षेत्र के हर घर को नि:शुल्क पीने का पानी पहुंचाना, झारखंड के 7 प्रमुख शहरों में अपशिष्ट जल प्रबंधन करना, सभी निकायों में जल स्रोतों का जीर्णोद्धार और 2025-26 तक हरियाली विकसित करना।

ऐसे मिली सफलता

-अमृत 2.0 मिशन के तहत मिले दिशा निर्देश के तहत सितंबर 2021 में एक त्रिपक्षीय समझौता किया गया जो कि राज्य सरकार, केन्द्र सरकार और नगर निकायों के बीच हुआ।

-राज्य के 50 नगर निकायों और रामगढ़ छावनी परिषद द्वारा सिटी वाटर बैलेंस प्लान को तैयार कर ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से जनवरी 2022 तक भारत सरकार को भेजा गया।

-राज्य के 16 नगर निकायों द्वारा सिटी वाटर एक्शन प्लान तैयार किया गया, जहां के नागरिक पेयजलापूर्ति से वंचित थे। इस एक्शन प्लान को सार्वजनिक करते हुए स्टेट वाटर एक्शन प्लान भी तैयार किया गया, जिसकी स्वीकृति राज्यस्तरीय उच्च शक्ति प्राप्त संचालन समिति द्वारा दी गई।

योजनाओं में क्या है खास

-राज्य के 16 नगर निकायों में 1.90 लाख घरों को टैप वाटर के रूप में नि:शुल्क जल देने की योजना।

-इन योजनाओं से 9 लाख से ज्यादा लोग होंगे लाभान्वित।

-इन योजनाओं में नवीन तकनीक जैसे स्काडा, जीआईएस और सेंसर का इस्तेमाल होगा।

-राज्य को अमृत 2.0 के तहत 1178 करोड़ रुपए केन्द्र की अंशदान राशि के रूप में प्राप्त है।

-फस्र्ट फेज में जिन योजनाओं के लिए स्वीकृति मिली है, उनमें कुल 1122 करोड़ रुपए की लागत आएगी, जिसमें केन्द्र के साथ साथ राज्य सरकार का भी अंशदान है।