एटूजेड से नहीं संभल पा रही सिटी
एटूजेड ने बड़े पैमाने पर सफाई कर्मियों की भर्ती भी की है। लेकिन एटूजेड से रांची नगर निगम की सफाई व्यवस्था संभाल नहीं पा रही है। कभी फंड का रोना, तो कभी लोगों के असहयोगात्मक रवैये की बात करके एटूजेड सफाई से अपना हाथ खींचने की कोशिश करता रहता है। हाल ये है कि कम बजट का बहाना बनाकर एटूजेड कर्मियों की छंटनी भी कर रहा है। जिसके कारण पिछले दिनों एटूजेड के 12सौ कर्मी दो दिनों तक स्ट्राइक पर थे। इसमें 700 कुली, 350 रेजा और 150 ड्राइवर शामिल थे।

डेली निकलता है 500 टन वेस्ट
रांची नगर निगम क्षेत्र में डेली 500 टन का वेस्ट निकलता है। इस वेस्ट को कलेक्ट करने के साथ ही इसके रिसाइकिल की जिम्मेदारी एटूजेड के पास है। लेकिन इसके लिए एटूजेड के पास न तो ट्रेंड स्टॉफ हैं और न ही संसाधन। इस बारे में एटूजेड के सीईओ अरुण कुमार सिंह का कहना है कि एटूजेड अभी तक वह जिन शहरों में काम करते थे वहां पर सफाई की प्राइमरी व्यवस्था उन जगहों के नगर निगम के पास होती थी सेंकडरी व्यवस्था एटूजेड संभालता था लेकिन रांची में एटूजेड को वेस्ट कलेक्ट करने के साथ ही वेस्ट के रिसाइक्लिंग भी जिम्मेदारी है। चूंकि अभी सिस्टम पूरी तरह डेवलप नहीं हो पाया है इसलिए परेशानियां आ रही हैं।

क्या कहते हैं निगम अधिकारी?
इस इश्यू पर रांची नगर निगम के सीईओ दीपांकर पंडा कहते हैं कि सिटी की साफ-सफाई व्यवस्था को सुचारू रूप से करने की जिम्मेदारी रांची नगर निगम ने एटूजेड को दी है। सफाई के बदले एटूजेड आम लोगों से पैसा भी वसूल रहा है। ऐसे में एटूजेड की जिम्मेदारी है कि वह सफाई सही से करे। अगर किसी को सिटी की सफाई व्यवस्था में खामी नजर आती है, तो वह रांची नगर निगम में शिकायत कर सकता है। उसकी शिकायत को दूर करने की कोशिश की जाएगी।