रांची (ब्यूरो)। राजधानी रांची में एक और इंटरनेशनल लेवल का स्पोट्र्स स्टेडियम बनाया जाएगा। खेल प्रेमियों के लिए यह एक अच्छी खबर है। रांची के मोरहाबादी मैदान स्थित डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी द्वारा अत्याधुनिक स्टेडियम बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके लिए जगह का चयन कर लिया गया है। पद्मश्री रामदयाल मुंडा मैदान में इस स्टेडियम का निर्माण होगा। इसमें क्रिकेट-फुटबॉल सहित इंडोर स्टेडियम में खेले जाने वाले अधिकतर खेलों की भी सुविधाएं होंगी। स्टेडियम का प्रारूप तैयार किया जा रहा है। इसके लिए यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा एक्सपट्र्र्स की राय ली जा रही है।

होंगी कई सुविधाएं

इस स्टेडियम में पवेलियन के अलावा कमेंट्री रूम, ब्रॉडकास्टिंग रूम, डाइनिंग एरिया समेत अन्य फैसिलिटिज भी होंगी। स्टेडियम में पवेलियन के अलावा तीन फ्लोर की बिल्डिंग का भी निर्माण किया जाएगा। एक फ्लोर पर खिलाडिय़ों और गेस्ट के रहने की व्यवस्था होगी, इसके अलाव कैंटीन भी होगा। वहीं दूसरे फ्लोर पर विभिन्न खेल से संबंधित कोर्स की पढ़ाई की व्यवस्था की जाएगी। इसमे बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन की पढ़ाई भी कराई जाएगी। इसका भी सिलेबस तैयार किया जा रहा है। इस अत्याधुनिक स्टेडियम को लेकर यूनिवर्सिटी प्रशासन काफी उत्साहित है। जल्द से जल्द काम शुरू करने की तैयारी चल रही है। इस स्टेडियम के निर्माण के बाद किसी भी विवि के पास इंटरनेशनल लेवल का पहला स्टेडियम होगा। अबतक किसी भी यूनिवर्सिटी के पास अत्याधुनिक स्टेडियम नहीं है। स्पोट्र्स टूर्नामेंट के लिए सिटी के अलग-अलग ग्राउंड और विभिन्न संस्थान के अधीन मैदान पर निर्भर रहना पड़ता है।

बैडमिंटन- टेबल टेनिस कोर्ट

इस स्टेडियम में बैडमिंटन और टेबल टेनिस खेलने के लिए भी अलग से कोर्ट तैयार किया जाएगा। कॉलेज में पढऩे वाले स्टूडेंट्स को इसकी सुविधा मिलेगी। स्टेडियम में क्रिकेट और फुटबॉल के अलावा इंडोर स्टेडियम में होने वाले खेलों की सुविधाएं भी होंगी। इनमे मुख्य रूप से बैडमिंटन, टेबल टेनिस, जिमनास्टिक, बास्केट बॉल, कबड्डी समेत अन्य गेम्स भी शामिल होंगे। स्टूडेंट्स अपनी रुचि के अनुसार गेम्स का सेलेक्शन कर उस दिशा में खुद को निखार सकते हैं। वहीं यूनिवर्सिटी की ओर से डिफरेंट स्पोट्र्स कॉम्पटीशन भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें खिलाडिय़ों को अपना हुनर दिखाने का मौका मिलेगा।

खेल मैदान की समस्या

रांची को राजधानी बनने के बाद यहां जमीन की काफी समस्या हो गई है। धड़ाधड़ जमीन बिकने के कारण कोई खुला मैदान नहीं बचा। यहां तक बच्चों के खेल के मैदान को दलालों ने बेच दिया। वर्तमान समय में बच्चों और खिलाडिय़ों के पास प्रैक्टिस करने के लिए ढंग का स्टेडियम नहीं है। बच्चे इधर-उधर जाकर किसी तरह प्रैक्टिस करते हैंै। यहां तक कि कॉलेज कैंपस में भी ढंग का मैदान नहीं है, जहां सभी प्रकार के खेल खेलें जा सके। करीब दस साल पहले रांची विवि की ओर से एक प्रयास किया गया था, लेकिन वह भी अंजाम तक नहीं पहुंच सका। अब डीएसपीएमयू द्वारा लिए गए इस निर्णय का सभी खिलाड़ी भी स्वागत कर रहे हैं