रांची(ब्यूरो)। दिल्ली पब्लिक स्कूल, रांची में 24 मार्च को विवेकानंद सभागार में भारत-जर्मन के 60 वर्ष पुराने संबंध को पुनर्जीवित करने तथा ऊर्जा संरक्षण व पर्यावरण संरक्षण हेतु पुस्तिका विमोचन और चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के अंतर्गत जर्मन राजदूत श्री वाल्टर जे। लिंडनर अपने सहयोगियों के साथ भारत-जर्मन संबंध को और अधिक मजबूत व मधुर बनाने में अपनी सहभागिता दिखाई। सभागार में श्री वाल्टर जे लिंडनर के साथ उनके अन्य सहयोगी कॉन्सिल जनरल मैनफे्रड ऑस्टर और उनकी पत्नी, पर्यावरण संरक्षण के मुख्य कार्यकत्र्ता क्रिस्टियाना हिरेनोमस, मुख्य राजनीतिज्ञ अधिकारी मरियम स्ट्रोबेल तथा कोलकाता में पदस्थापित जर्मन कॉन्सिल की मुख्य प्रेस अधिकारी ईसा मल्होत्रा अतिथिगण के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा सामूहिक स्वागत गान से किया गया। साथ ही साथ पुस्तिका विमोचन और चित्रकला प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया। चित्रकला के माध्यम से ऊर्जा व पर्यावरण संरक्षण के सतत् विकास को चित्रों के द्वारा दिखाने का प्रयास किया गया। पुराने संबंधों को और अधिक मजबूती प्रदान करने हेतु यह आयोजन लाभप्रद सिद्ध हुआ। दो वर्षों के कोरोना संघर्ष के पश्चात् संभावित संभावनाओं के साथ दिल्ली पब्लिक स्कूल, राँची पुन: एक बार इस क्षेत्र में एक साथ कार्य करके अपने मजबूत आर्थिक परिस्थितिकी और सामाजिक विकास को बढ़ावा देने में कार्यरत हुआ।
बच्चों के संपूर्ण विकास पर जोर
कार्यक्रम की सराहना करते हुए श्री वाल्टर जे। लिंडनर ने विद्यालय द्वारा आयोजित क्रियाकलापों को लिखने-पढऩे के परिस्थितियों को तथा बच्चों के सम्पूर्ण विकास हेतु वातावरण को उनके अनुकूल बनाने तथा भविष्य को सुरक्षित रूप प्रदान करने और भारत-जर्मन सहयोग को विकसित करने के लिए विद्यालय के प्राचार्य की सराहना करते हुए उनका स्वागत किया। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक होने का संदेश दिया। और कहा जिस प्रकार अंधाधुंध वनों की कटाई और आधुनिक उपकरणों के प्रयोग के कारण ग्लेशियर पिघल रहा है यह चिंता का विषय है। अत: प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होना चाहिए कि हम सबको अपने आस-पास के वातावरण और पर्यावरण को संरक्षित रखने हेतु कर्तव्यनिष्ठ होने की आवश्यकता है, जिससे कि हमारी आने वाली पीढ़ी इसका पूरा लाभ उठा सके। मौके पर उपस्थित विद्यालय के प्राचार्य डॉ। राम सिंह ने कहा कि विद्यालय इस मधुर व बेहतर संबंध को आगे बढ़ाने के लिए सदैव प्रयासरत रहेगा। ऐसे आयोजन से बच्चों के सर्वांगिण विकास को काफी बल मिलता है, इस प्रकार के प्रयास से बच्चों के भविष्य निर्धारण और बौद्धिक क्षमता का आकलन भी होता है। उन्होंने कार्यक्रम के सफलतापूर्वक पूर्ण होने पर अपना आभार जताया।