RANCHI ट्ठ मैट्रिक के बाद सोचा कि पढ़ाई में कुछ अलग किया जाए। पैरेंट्स का सपोर्ट मिला और फिर साइंस और कॉमर्स की बजाय आ‌र्ट्स पढ़ने का फैसला कर लिया। यह कहना है आ‌र्ट्स की सिटी टॉपर अपूर्वा राय का। अपूर्वा के पिता सेल में इंजीनियर हैं। जेवीएम श्यामली की स्टूडेंट अपूर्वा बताती हैं- सफलता के लिए सबसे ज्यादा जरूरी डेडिकेशन है। अनुशासित तरीके से पढ़ाई करनी चाहिए। पढ़ाई में धैर्य भी रखने की जरूरत है। चैप्टर्स को रटने की बजाय समझने की कोशिश करें। जहां तक 12वीं की तैयारी की बात है। इस दौरान अपने को सोशल मीडिया से भी दूर कर लिया। जरूरी पड़ने पर इसका थोड़ा-बहुत इस्तेमाल करती थी। सिर्फ पढ़ाई पर ही ध्यान रखती थी। मेरे टॉपर बनने का भी यही राज है। अब आगे सिविल सर्विसेज में सफल होने का लक्ष्य रखा है।

सोशल साइंस के प्रति शुरु से रहा झुकाव

स्पीच और डिबेट कॉम्पटीशन में पार्टिसिपेशन से सोशल साइंस की ओर झुकाव हुआ और 12 में आ‌र्ट्स पढ़ने का फैसला किया। अब इस पढ़ाई से आगे और सफलता हासिल करनी है। यह कहना है जेवीएम श्यामली की स्टूडेंट तान्या श्री का। तान्या के पिता सुधीर कुमार श्रम विभाग में चीफ इंस्पेक्टर हैं, जबकि मां सुप्रिया राजलक्ष्मी मारवाड़ी कॉलेज में काम करती हैं। वे बताती हैं-बड़ी बहन ने साइंस में 12वीं की है। वह मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट की प्रिपरेशन कर रही है, लेकिन मेरी इच्छा शुरु से ही कुछ अलग करने की रही है। मम्मी-पापा ने सब्जेक्ट सेलेक्शन को लेकर कभी दबाव नहीं बनाया। जब आ‌र्ट्स पढ़ने की इच्छा जाहिर की तो उन्होंने इनकरेज किया। अब सिविल सर्विसेज की तैयारी करनी है।

प्लानिंग व स्ट्रेटजी बनाकर करें पढ़ाई

साइंस पढ़ना है आ‌र्ट्स, इसे लेकर माता-पिता ने कभी दबाव नहीं बनाया। जब 12वीं आ‌र्ट्स से करने का फैसला किया तो उन्होंने प्रेरित किया। अब दिल्ली यूनिवर्सिटी से आगे की पढ़ाई करनी है। यह कहना है सिटी की थर्ड टॉपर वे जेवीएम श्यामली की स्टूडेंट अनुष्का श्रीवास्तव का। अनुष्का के पिता घनश्याम श्रीवास्तव सीनियर जर्नलिस्ट हैं, जबकि मां शिक्षिका। वे बताती हैं- सफलता के लिए पूरी प्लानिंग और स्ट्रेटजी के साथ पढ़ाई करनी सबसे जरूरी है। हर दिन 8 से 9 घंटे पढ़ाई करती थी। पढ़ाई के दौैरान चैप्टर को समझने पर ज्यादा जोर रहा। यही वजह है कि टॉपर्स की लिस्ट में शामिल हो पाई। अब आगे सिविल सर्विसेज की तैयारी करनी है। आईएएस बनने का इरादा है।