ग्राफिक्स के लिए
अभी यह है टैक्स स्लैब
2.5 से 5 लाख तक 5 % से 10 %
5 लाख से 10 लाख तक 20 % टैक्स
10 लाख से ऊपर 30 % टैक्स
50 लाख से 1 करोड़ तक 10 % सरचार्ज
1 करोड़ से अधिक पर 15 % सरचार्ज
दिल चाहता है
इंट्रो
आम बजट आने को कुछ ही दिन बाकी रह गये हैं। हर वर्ग को पीएम नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली से यह अपेक्षा है कि इस बार का बजट उनके लिए और महंगाई का सबब न बने। लोग निवेश की संभावनाओं को लेकर भी आशावान हैं। लोगों की चाहत सिर्फ इतनी ही है कि उन पर अतिरिक्त बोझ न पड़े। इस मामले में सिटी के प्रोफेशनल्स और युवा व्यवसायी भी केंद्र सरकार से कई अपेक्षाएं रखते हैं। 'दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट' ने सिटी के कई प्रोफेशनल्स व बिजनेसमेन से बातचीत की, तो उन्होंने खुलकर अपने दिल की बात कही। ज्यादातर लोग यही चाहते हैं कि टैक्स के स्लैब में और रिलैक्सेशन मिले, ताकि निवेश की संभावनाएं और बढ़ें। यहां प्रस्तुत है आम बजट से पहले पेशेवर लोगों और कुछ व्यवसायियों की अपेक्षाओं पर उनके विचार :
अभी टैक्स में छूट की सीमा 2.5 लाख रुपए ही है। इसे बढ़ाकर 5 लाख रुपए करना चाहिए, ताकि आम आदमी अपनी कमाई का एक हिस्सा इनवेस्टमेंट में लगा सके।
ज्योति पोद्दार
इनवेस्टर्स के लिए शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन में रेट की सीमा को पांच फीसदी तक कम किया जाना चाहिए। इसके अलावा इनवेस्टमेंट में छूट के लिए अलग से सेक्शन बनाना चाहिए।
हर्ष बजाज
अगर सरकार इनवेस्टर्स को लाभ देती है, तो सेंसेक्स में और उछाल आयेगा, जो हमारी अर्थव्यवस्था के लिए बेहद लाभकारी होगा। हाल ही में सेंसेक्स 36 हजार के पार तक गया है।
बादल विशाल
इस बढ़ती महंगाई में लोग बचत कर ही नहीं पा रहे हैं। जो ईमानदार टैक्स पेयर हैं, उनका इनवेस्टमेंट तो बहुत कम है। इस वर्ग को ध्यान में रखकर बजट बनाना चाहिए।
सुरेंद्र मेहता
इस बार म्यूचुअल फंड और फिक्स डिपोजिट रिटर्न के क्षेत्र में कुछ राहत की उम्मीद है। लेकिन, इसका फायदा तभी मिलेगा, जब टैक्स के स्लैब में कुछ रिलैक्शेसन मिले।
जयप्रकाश सिंघानिया
मोदी सरकार से यह अपेक्षा है कि वह छोटे निवेशकों का ख्याल रखते हुए जरूर कुछ ठोस कदम उठाएगी। बड़े निवेशकों की जगह छोटे निवेश को आकर्षित करने के लिए योजना बने।
कुणाल वोरा
लोगों में सेविंग करने की आदत को और प्रोत्साहित करने के लिए टैक्स में छूट देना जरूरी है। इसके बिना आम आदमी का भविष्य सुरक्षित नहीं हो सकता। वित्त मंत्री इस पर खास ध्यान देंगे, यही उम्मीद है।
पूजा पांडेय
कई वर्षो से आयकर की सीमा में छूट को लेकर कोई बड़ी राहत नहीं दी गई है। महिलाओं की आय के मामले में टैक्स का स्लैब 6 लाख करना उचित होगा।
शुभा झा
पेंशनर्स और लो रिस्क वाले इनवेस्टर्स की रक्षा के लिए एफडी रिटर्न को डेब्ट म्यूचुअल फंड्स के समकक्ष लाने की जरूरत है। इससे बड़ा वर्ग लाभांवित होगा।
अश्विनी राजगढि़या